
अंबिकापुर। तेज गति को दुर्घटना का कारण बताया जा रहा है। अलकापुरी मोड़ पर लगातार दुर्घटनाएं हो रही हैं। लखनपुर से उदयपुर की ओर जा रहे मोटरसाइकिल सवार आशीष और सेवक राम उदयपुर से अंबिकापुर की ओर जा रहे हाइवा वाहन में मोटरसाइकिल सहित जा घुसे और दुर्घटना में दोनों युवकों की मौत मौके पर ही हो गई।
दुर्घटना इतनी जबरदस्त थी की बाइक सवार गाड़ी दोनों युवकों में से एक आशीष का सिर कुचल गया था और सेवक राजवाड़े का शरीर सड़क से रगड़कर क्षत विक्षत हालत में सड़क के किनारे पड़ा हुआ था। युवकों की मोटरसाइकिल , हाइवा के भीतर ही फंसी हुई थी जो कि लगभग 50 मीटर तक घसटाया हुआ था।
रात में घटना की सूचना पर उदयपुर पुलिस तत्काल मौके पर पहुंची और दोनों ही शव को मोर्चरी भिजवाया।जनपद अध्यक्ष के पुत्र थे आशीषमृतक आशीष पैकरा(32) समाज सेवी गंगाराम पैकरा और जनपद अध्यक्ष लखनपुर मोनिका सिंह के सुपुत्र थे। साथ ही आशीष टेंट के नाम से अपना खुद का टेंट व्यवसाय करते थे।
वे ग्राम पंचायत पोड़ी के जगन्नाथपुर के निवासी थे। मृतक आशीष पैकरा और सेवक राम (30) दोनों उदयपुर में एक अन्न प्राशन कार्यक्रम में टेंट लगाने के बाद लखनपुर गए फिर वापस उदयपुर लौट रहे थे और इसी दौरान रात यह दर्दनाक हादसा हो गया।
गुरुवार की सुबह हुई पहचान मृतक सेवक राम राजवाड़े की मोटरसाइकिल क्रमांक सीजी 15 डीक्यू 6727 के नंबर से वाहन स्वामी का नाम और नंबर निकाल कर स्वजन को घटना की सूचना दी गई। गुरुवार दोपहर 12 बजे तक दोनों ही शव का पोस्टमॉर्टम कराकर पुलिस द्वारा शव को स्वजन को सौंप दिया गया।
इस दौरान बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहेएक ही गांव में दो लोगों की मौत से जगरनाथपुर गांव में मातम पसरा हुआ है। गमगीन माहौल में देर शाम अंतिम संस्कार किया गया।अलकापुरी मोड़ पर लगातार हो रही दुर्घटनाएंअंबिकापुर-बिलासपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर उदयपुर का अलकापुरी मोड़ ब्लैक स्पाट बनता जा रहा है।
तीन माह में छह सड़क दुर्घटनाओं में यहां आधा दर्जन लोगों की मौत हो चुकी है।इसी स्थल पर तीन दिन पहले बोलेरो ने मोटरसाइकिल सवार पिता – पुत्र को टक्कर मार दी थी। दुर्घटना में चार साल के मासूम बेटे की मौत हो गई थी। पिता को गंभीर स्थिति में मेडिकल कॉलेज अस्पताल अंबिकापुर में भर्ती किया गया है। जहां उनका उपचार चल रहा है।
इस मार्ग पर लगातार हादसे हो रहे हैं। चौड़ी सड़क बन जाने के बाद वाहनों की गति पर नियंत्रण के लिए कोई उपाय भी नहीं है। पुलिस की ओर से लगातार जागरूकता अभियान चलाए जाने के बाद भी हेलमेट को लेकर दो पहिया वाहन चालक सजग नहीं है। ज्यादातर मौतों में देखा जा रहा है कि दोपहिया चालक अथवा सवार हेलमेट नहीं पहने थे। सिर में चोट लगने के कारण मौत हो रही है।