छत्तीसगढ़

CG NAN Scam: नान घोटाला केस में रिटायर्ड IAS अनिल टुटेजा और आलोक शुक्ला को जमानत

CG NAN Scam: छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित नागरिक आपूर्ति निगम (नान) घोटाले में आरोपी रिटायर्ड IAS अधिकारी अनिल टुटेजा और आलोक शुक्ला को बड़ी राहत मिली है। दोनों अधिकारियों को रायपुर स्पेशल कोर्ट से जमानत मिल गई है। सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही जमानत देने से पहले दोनों से सरेंडर करने की शर्त रखी थी।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दोनों अधिकारियों ने 22 सितंबर को स्पेशल कोर्ट में सरेंडर किया था। इसके बाद कोर्ट ने उन्हें 16 अक्टूबर तक ईडी की कस्टडी में भेजा था। रिमांड समाप्त होने पर शुक्रवार को दोनों को फिर से कोर्ट में पेश किया गया, जहां अदालत ने उन्हें जमानत दे दी।

अब ईडी 7 दिसंबर को इस केस में चार्जशीट दाखिल करेगी, जिस पर सभी की नजरें टिकी हैं। सरेंडर के बाद ईडी अधिकारियों ने दोनों को दिल्ली ले जाकर उनसे पूछताछ की थी।

नान घोटाले की पूरी कहानी

यह मामला वर्ष 2015 में सामने आया था, जब नागरिक आपूर्ति निगम (NAN) में चावल, नमक और अन्य खाद्य सामग्रियों के परिवहन और भंडारण में भ्रष्टाचार और अनियमितताओं की शिकायतें मिलीं। इन शिकायतों के बाद ACB और EOW ने 12 फरवरी 2015 को रायपुर मुख्यालय सहित 28 ठिकानों पर छापेमारी की थी।

इस कार्रवाई में करीब ₹3.50 करोड़ नगद, कई महत्वपूर्ण दस्तावेज, डायरी और हार्ड डिस्क बरामद की गईं। जांच के बाद ACB ने नान के मैनेजर सहित 16 आरोपियों के खिलाफ चालान पेश किया। बाद में केंद्र सरकार से अनुमति मिलने के बाद IAS आलोक शुक्ला और अनिल टुटेजा के खिलाफ पूरक चालान दायर किया गया।

ईडी के आरोप और जांच

ईडी का आरोप है कि तत्कालीन सरकार के कुछ अधिकारियों ने जांच को प्रभावित करने और सबूतों से छेड़छाड़ करने की कोशिश की थी। एजेंसी ने कहा कि आरोपियों ने कोर्ट की कार्यवाही को प्रभावित किया और तत्कालीन महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा के माध्यम से जज और आरोपियों के बीच संपर्क बनाए रखे गए।

ईडी के मुताबिक, आरोपियों ने राइस मिलों से घटिया चावल लिया और उसके बदले करोड़ों रुपए की रिश्वत ली गई। छापों में कैश, दस्तावेज और डिजिटल सबूत बरामद हुए थे।

सुप्रीम कोर्ट का फैसला

इससे पहले हाई कोर्ट ने आलोक शुक्ला को जमानत दी थी, लेकिन ईडी ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दोनों अफसरों को जमानत दी जा सकती है, लेकिन उन्हें पहले सरेंडर करना होगा। कोर्ट ने ईडी को अपनी जांच पूरी करने के लिए समय भी दिया था।

Ashok Kumar Sahu

Editor, cgnewstime.com

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