कबीरधाम। 22 जुलाई 2024 को पावन श्रावण मास के प्रथम दिन सोमवार के शुभ अवसर पर कवर्धा जिला स्थित छत्तीसगढ़ के खजुराहो के नाम से प्रसिद्ध भोरमदेव मंदिर में प्रतिवर्ष आयोजित पदयात्रा में “सनातन हित सर्वोपरि” के सिद्धांत पर गठित राष्ट्रीय राजनीतिक दल “एकम् सनातन भारत दल” के सैकड़ों सदस्य सम्मिलित हुए।
बता दे “एकम सनातन भारत दल” छत्तीसगढ़ प्रदेश स्तरीय पदाधिकारी, कवर्धा जिले के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं द्वारा भोरमदेव मंदिर के मुख्य प्रवेशद्वार में खड़े होकर शिव भक्तों का स्वागत अभिनंदन किया गया।
एकम् सनातन भारत दल के सदस्यों ने बैनर पोस्टर के माध्यम से हिन्दू जनमानस और प्रशासन के समक्ष अपने सप्त संकल्पों के दो सबसे प्रमुख हिन्दूओं :-
1. भारत देश में 100% गौ हत्या बंदकर गौमाता को राष्ट्रमाता का सम्मान देंगे। सनातनी समाज को ज्ञात हो कि 26 जनवरी 1950 को लागू संविधान के अनुच्छेद 48 में लिखा है कि भारत देश में गौ हत्या प्रतिबंधित है।
2 भोरमदेव मंदिर सहित देश के 4 लाख से अधिक सभी हिन्दू मठ मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त कराना। यह इसलिए आवश्यक है क्योंकि धर्मनिरपेक्षता के आड़ में सरकारें हिन्दू मंदिरों को पर्यटनस्थल बनाकर आय का स्त्रोत बना चुकी है और पवित्रता के साथ सनातनधर्म व परपंरा का निर्वाह नहीं करती।
साथ ही Religious & Charitable Act of India बनाकर मंदिरों के पैसे को अल्पसंख्यकों के लिए खर्च करती है।
इन दो विषयों से अवगत कराकर इस आंदोलन को प्रदेश व देश स्तर पर आगे बढ़ाने के लिए आगाज किया गया और लोगों को धर्म के प्रति जागरूक किया गया।
इस जागरूकता अभियान में “एकम् सनातन भारत दल” के छत्तीसगढ़ प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण पाठक बिलासपुर, प्रदेश उपाध्यक्ष अंजू बैन केमे दुर्ग, प्रदेश मिडिया प्रभारी रवि मिश्रा रायपुर, जिला उपाध्यक्ष यतीन्द्र कुमार मिश्रा रायपुर, कवर्धा जिलाध्यक्ष एवं गुरु गोरक्षनाथ मंदिर के महंत हरिहर नाथ योगीजी, कवर्धा जिला महासचिव विजय कुमार शर्मा कवर्धा, दीपांक, संदीप साहू बिलासपुर, बजरंग नाथ योगी, ज्योति योगी, श्यामा केमे, ज्वाला बैन, अलंकार केमे और अन्य कार्यकर्ता गण प्रमुखरूप से सम्मिलित रहे।
एकम सनातन भारत दल से जुड़ने के लिए मिस्ड कॉल नंबर –
9810717137 एवं 7353366917, 8120503326 पर संपर्क कर सकते हैं।
भारत सरकार के नियंत्रण में 4 लाख से अधिक मठ मंदिर –
भोरमदेव में VIP दर्शन का कल्चर नहीं है, परन्तु यह मंदिर भी हमारे लाखों मंदिरों (जैसे उज्जैन महाकाल, जगन्नाथ, बद्रीनाथ, केदारनाथ, यमनोत्री, गंगोत्री, रामेश्वरम, सोमनाथ, काशी विश्वनाथ आदि आदि आदि 4 लाख से अधिक मठ मंदिर) भारत सरकार के नियंत्रण में हैं, और यहां प्रतिदिन होने वाले करोड़ो रूपये का चढ़ावा सरकार का आय का सबसे बड़ा जरिया बना हुआ है।
वहीं देश में एक भी मस्जिद या चर्च या अन्य धर्म के आस्था केंद्र व राज्य सरकार के नियंत्रण में नहीं हैं। आखिर हिन्दुओं के साथ ये दोगलापन क्यों? ये दोगलापन, कांग्रेस में भी था, और बीजेपी में भी है।
फिर हमारे लिए इन दोनों में अंतर क्या??
और दूसरी सबसे बड़ी मांग –
सम्पूर्ण राष्ट्र में पूर्ण गौ हत्याबंदी..
आखिर क्यों 10 वर्ष बाद भी, कत्लखानो में आज भी गौ वंश कट रही है?
हिन्दू कितना भी व्रत कर ले.. कितनी भी काँवड़ यात्रा करके शिवलिंग में जल चढ़ा ले, कितने भी यज्ञ, हवन कर ले… या दरबारी कथाकारो से रात दिन भी कितना भी कथा, भागवत पुराण सुन ले…. कितने भी तीर्थ यात्रा कर ले, जिस देश में गाय (जो सनातनियों का सबसे बड़ा उपास्य है। 33 कोटि देवी देवता जिसमे वास करते हों, जिसका मल मूत्र भी अत्यंत उपयोगी है), आज भी कत्ल खानो में कट रही हो। वहाँ कोई देवी देवता प्रसन्न नहीं हो सकता।
हमारे मठ मंदिरों से देवी देवता भी मूर्तियों से बाहर आ गए होंगे… क्योंकि सबसे बड़ा पाप (गौ हत्या ) आज भी भारत में हो रहा है।