रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के प्रश्नकाल में एक समय ऐसा आया, जब मंत्री ओपी चौधरी और पूर्व मंत्री राजेश मूणत आमने-सामने हो गए। बता दें, मूणत रमन सरकार में 10 साल तक आवास पर्यावरण मंत्री रहे हैं और ओपी चौधरी विष्णुदेव साय सरकार में इस विभाग को संभाल रहे हैं। सदन में कौशल्या विहार और कमल विहार नाम को लेकर नेता प्रतिपक्ष के साथ ही बीजेपी के सदस्यों द्वारा मंत्री को घेरने का प्रयास हुआ, मगर ओपी चतुराई से इस सवाल को टाल गए।
1. प्रश्नकाल का पहला प्रश्न आज लता उसेंडी ने आदिवासी मंत्री रामविचार नेताम से पूछा मगर मंत्री सवाल को समझ नहीं पाए। उन्होंने आग्रह किया कि फिर से एक बार पूछिए।
2. पहला सवाल कोंडागांव में सोलर लाईट खरीदी में गड़बड़झाले का था। चूंकि पिछली सरकार का मामला था, इसलिए मंत्री रामविचार नेताम ने बिना किंतु-परन्तु के विधायकों की समिति से जांच कराने का ऐलान कर दिया। ऐसा बहुत कम ही होता है जब कोई मंत्री इतनी आसानी से दो मिनट के भीतर सदन की कमेटी से किसी मामले की जांच कराने की घोषणा कर दें।
3. प्रश्नकाल में आज लगातार दूसरे दिन छह सवाल हुए। इनमें पांच सवाल वित्त और आवास पर्यावरण मंत्री ओपी चौधरी से पूछा गया।
4. जमीनों के गाइडलाइन रेट बढ़ाने को लेकर पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने सवाल दागा तो मंत्री ओपी चौधरी ने उसी अंदाज में जवाब देते हुए कहा कि कोई रेट नहीं बढ़ाया गया है। पिछली सरकार ने गाइड लाइन दर को कम कर दिया था और हमारी सरकार ने उस आदेश को कंटीन्यू नहीं किया है। ओपी ने कहा कि जमीन का गाइडलाइन रेट 30 परसेंट कम करने से किसानों को भूअर्जन में काफी नुकसान उठाना पड़ा। लोगों को बैंकों से कर्ज मिलना मुश्किल हो गया था। बहरहाल, ये कहना ठीक नहीं कि गाइडलाइन रेट बढ़ाया गया है।
5. पूर्व मंत्री राजेश मूणत मंत्री ओपी चौधरी से पूछा कि आप ये बता दीजिए आमोद-प्रमोद का क्या मतलब होता है। इस पर नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने चुटकी ली, आमोद का मतलब मूणत जी अच्छे से जानते होंगे। और प्रमोद का मतलब होता है जिसे बताया नहीं जाता।
6. सारे दिग्गज नेताओं के बाउंसर आज वित्त मंत्री ओपी चौधरी पर चले। ओपी ने उन बाउंसरों को उसी अंदाज में जवाब देकर बॉल को बाउंड्री के पार पहुंचा दिया।
7. प्रश्नकाल में दूसरा सवाल मंत्री ओपी चौधरी से था। वे जैसे ही खड़े हुए..किसी सदस्य ने कहा, मंत्रीजी आज कलेक्टर लुक में दिखाई दे रहे हैं। दरअसल, ओपी आज कलरफुल पैंट-शर्ट में सदन पहुंचे थे। उन्होंने भी चुटकी ली…नेताओं को कुर्ता-पैजामा पहनना चाहिए, मगर पेट छिपाने के लिए नहीं।