पड़रिया। विधानसभा के वनांचल क्षेत्र कुई-कुकदुर में आज विशेष पिछड़ी जनजातिय बालक एवं बालिका छात्रावास में प्रवेश उत्सव मनाया गया। कार्यक्रम में पंडरिया विधायक भावना बोहरा मुख्य अतिथि के रूप में सम्मिलित हुईं और नव प्रवेशी बच्चों का स्वागत किया। इस दौरान उन्होंने बच्चों को संबोधित कर शिक्षा के लिए प्रोत्साहित भी किया और छात्रावास में सुविधाओं का जायजा भी लिया। इस छात्रावास में 250 छात्र एवं 250 छात्राओं के लिए शिक्षा सुविधाएँ उपलब्ध हैं। विदित हो कि पूर्ववर्ती भाजपा सरकार द्वारा 14 करोड़ की लागत से जनजाति समाज के बच्चों को बेहतर शिक्षा प्रदान करने के लिए इस छात्रावास का निर्माण किया था जो छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े जनजाति समाज के बच्चों के लिए बने सबसे बड़े छात्रावास में से एक है, जिसमें आज बच्चों ने प्रवेश किया।
इस दौरान भावना बोहरा ने कहा कि आज केंद्र व राज्य की भाजपा सरकार की कुशल नीतियों और जनहितैषी योजनाओं से हमारे प्रदेश के विशेष पिछड़ी जनजाति समुदाय के लोग विकास की मुख्यधारा से जुड़ रहें हैं। आज इस छात्रावास के माध्यम से समुदाय से आने वाले 500 छात्र एवं छात्राओं को शिक्षा और सुविधा दोनों मिल रही है। यहां से बच्चे शिक्षा ग्रहण कर अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लेकर आयेंगे और अपने समाज व क्षेत्र के साथ ही हमारा व हमारे प्रदेश का नाम रोशन करेंगे। इस छात्रावास में पढ़ने वाले सभी बच्चों को मैं उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं देती हूँ और हर संभव सहायता करने का आश्वासन देती हूँ। उन्होंने बच्चों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि जीवन में सफलता पाने के लिए आपको परिश्रम हमेशा करना होगा और परिश्रम करने से आपको सफलता जरुर मिलेगी। अगर कभी असफल नहीं होते हैं तो निराश न हों और उसका अवलोकन कर अपनी कमी को समझें और फिर उसे दूर करने के लिए दुगनी मेहनत करिए तो आपको सफलता जरुर मिलेगी। शिक्षा केवल नौकरी पाने का माध्यम ही नहीं है बल्कि उससे भी बढ़कर एक आदर्श समाज की नींव है। किसी भी कार्य को अच्छी तरह कर पाने के लिए शिक्षा का अहम योगदान होता है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में तैयार किये गये बजट में विशेष पिछड़ी जनजाति के सदस्यों के लिए 300 करोड़ रुपए का प्रावधान रखा गया है। इस बजट प्रावधान से छत्तीसगढ़ में रह रहे बिरहोर, पहाड़ी कोरवा, बैगा, कमार और अबूझमाड़िया समुदाय के लोगों को बुनियादी सुविधाओं का लाभ मिल पाएगा। घास-फूस के घरों की जगह वे पक्के घरों में रह सकेंगे। पेयजल की अच्छी सुविधा होगी। देश में पहली बार इन विशेष पिछड़ी जनजातियों के विकास के लिए प्रधानमंत्री जनमन योजना बनाई गई। यह योजना प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने भगवान बिरसा मुंडा की जन्मस्थली उलिहातु से शुरू की थी। छत्तीसगढ़ में इस योजना पर तेजी से क्रियान्वयन हो रहा है जनमन योजना के माध्यम से न केवल बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित की जा रही हैं अपितु इनके लिए रोजगार के अवसर भी इसके माध्यम से सृजित किये जा रहे हैं। कार्यक्रम में विभागीय अधिकारी, भाजपा मंडल के पदाधिकारी, कार्यकर्ता एवं छात्रावास के अधिकारीगण उपस्थित थे।