भिलाई । छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार कलेक्ट्रेट परिसर में 10 जून को हुई आगजनी और हिंसा के मामले में कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव को शनिवार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। भिलाई नगर से विधायक यादव की गिरफ्तारी सुबह सात बजे बलौदाबाजार पुलिस की टीम द्वारा की गई। इस गिरफ्तारी के दौरान 10 घंटे तक सियासी गहमागहमी देखने को मिली।
विधायक यादव को बलौदाबाजार जिला न्यायालय में पेश किया गया, जहाँ उन्हें 20 अगस्त तक केंद्रीय जेल रायपुर भेजने का आदेश दिया गया। गिरफ्तारी के बाद, पुलिस और यादव के समर्थकों के बीच झड़पें भी हुईं, जो शाम तक जारी रहीं।
गिरफ्तारी के पहले, विधायक यादव सफेद झंडा और संविधान की प्रति थामे हुए नजर आए। पुलिस ने उन्हें बयान दर्ज कराने के लिए चार बार नोटिस भेजा था, लेकिन वे इन नोटिसों का जवाब देने से बचते रहे। कलेक्ट्रेट हिंसा के मामले में 240 से अधिक वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया था और 12 करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ था।
सभी आरोपों में बलवा, हत्या का प्रयास, शासकीय कार्य में बाधा, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाना, और शासकीय कार्यालय में आगजनी शामिल हैं।
विधायक निवास पर गिरफ्तारी के दौरान सुबह से लेकर शाम तक पुलिस और समर्थकों के बीच तनावपूर्ण स्थिति रही। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज और पूर्व विधायक अरुण वोरा के साथ युकां नेता सुबोध हरितवाल भी विधायक निवास पर पहुंचे।
उपमुख्यमंत्री और गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा, “पुलिस ने विधायक को चार बार नोटिस भेजकर बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया था। उन्हें पुलिस की जांच में सहयोग करना चाहिए। कांग्रेस पार्टी को इस मुद्दे पर राजनीति नहीं करनी चाहिए।”
वहीं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, “मुख्यमंत्री को यह समझना चाहिए कि एक युवा विधायक को गिरफ्तार करके वे अपनी सरकार की विफलताओं को छुपा नहीं सकते। सतनामी समाज के साथ हुए अन्याय को और अन्याय के जरिए ढकना गलत है। छत्तीसगढ़ का भविष्य यहीं से तय होगा।”