रायपुर।IPS जीपी सिंह की बहाली का रास्ता साफ हो गया है। दिल्ली हाईकोर्ट ने कैट के फैसले पर मुहर लगा दी है। इस फैसले के बाद उनकी बहाली का रास्ता साफ़ हो गया है।
गौरतलब है कि हाल ही में कैट ने वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी की बहाली के निर्देश दिए थे। कैट के इस फैसले को नियम प्रक्रिया के तहत सरकार ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। अब हाईकोर्ट की मुहर लगने के बाद जीपी सिंह की बहाली लगभग तय हो गयी है।
आपको बता दें कि कैट ने जीपी सिंह से जुड़े सभी मामलों को चार सप्ताह के अंदर बहाल करने का आदेश दिया था। हालांकि इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी गयी थी, जिस पर अब फैसला आ गया है। हाईकोर्ट ने कैट के फैसले को सही बताया है। इससे पहले साल 2021 में एसीबी ने जीपी सिंह के कई ठिकानों पर छापेमारी की थी। जीपी सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार और देशद्रोह का मामला भी दर्ज किया गया था। अब इन मामलों से राहत मिलने के बाद वो अब दोबारा नौकरी में लौट सकते हैं।
बता दें कि सिंह को जुलाई 2023 में केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई थी. यह कार्रवाई राज्य सरकार की सिफारिश पर की गई थी. सिंह पर 10 करोड़ रुपये से अधिक की अघोषित संपत्ति रखने और सरकार गिराने की साजिश रचने का आरोप था. जुलाई 2021 में, एसीबी (एंटी करप्शन ब्यूरो) की टीम ने 1994 बैच के आईपीएस अधिकारी जीपी सिंह के ठिकानों पर छापेमारी की थी. छापेमारी राजनांदगांव और ओडिशा के 15 ठिकानों पर की गई थी, जिसमें जीपी सिंह का पुलिस लाइन स्थित सरकारी बंगला भी शामिल था. छापेमारी में 10 करोड़ रुपये से अधिक की अघोषित संपत्ति और कई संवेदनशील दस्तावेज मिले थे.
2022 में मामले में जमानत मिल गई –
छापेमारी में मिली संपत्ति के आधार पर एसीबी ने जीपी सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया था. इस पूरी घटना के बाद 9 जुलाई 2021 को जीपी सिंह ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर सीबीआई जांच की मांग की. इस मामले में जांच के बाद आईपीएस अधिकारी सिंह की गिरफ्तारी 11 जनवरी 2022 को नोएडा से हुई थी. जीपी सिंह को 2022 में इस मामले में जमानत मिल गई थी.