बलरामपुर। छत्तीसगढ़ के एक जिले में लगातार भीड़ प्रदर्शन कर रही है। दरअसल, स्वास्थ्य कर्मी के शव को पुलिस बलरामपुर से उसके गृहग्राम ले जा रही थी, इस दौरान लोग फिर आक्रोशित हो गए। भीड़ ने पुलिसकर्मियों पर पथराव कर दिया। इस दौरान भीड़ ने एडिशनल एसपी पर लाठी और पत्थरों से हमला कर दिया। इस हमले के बाद एएसपी और दूसरे पुलिसकर्मियों ने भागकर अपनी जान बचाई। भीड़ को कंट्रोल करने पहुंची ASP निमिषा पांडे पर भी महिलाओं ने हमला कर दिया। इस दौरान एक महिला चप्पल से भी मारती नजर आई है। हमला और पथराव के दौरान भाग रही निमिषा पांडेय दो बार गिर गईं और घायल हो गई। बता दें कि वे जशपुर में एएसपी हैं। आज उन्हें बलरामपुर में ड्यूटी में तैनात किया गया था। यहां भी लोगों में आक्रोश के चलते हालात तनावपूर्ण है।
जानकारी के अनुसार पुलिस की कड़ी सुरक्षा के बीच पीएम करने के बाद मृतक गुरूचरण मंडल की डेड बॉडी को लगभग 3:00 बजे रवाना किया गया। चारों तरफ पुलिस की टीम मौजूद थी, उसके बाद डेड बॉडी को एंबुलेंस में गांव तक भेजा गया। ग्रामीण परिजन एवं अन्य लोग लगातार डेड बॉडी नहीं लेने की बात कह रहे थे लेकिन पुलिस की टीम भीड़ का ध्यान परिवर्तित करने के उद्देश्य से डेड बॉडी को अपनी सुरक्षा में ही डेड बॉडी को गांव में रवाना किया। डेडबॉडी भेजे जाने के बाद ग्रामीण बेहद उग्र हो गए।
बता दें कि इससे पहले गुरुवार रात भी बलरामपुर थाने में लोगों की भीड़ ने हमला बोल दिया था। देर रात तक हंगामे के बाद थाने और एसपी कार्यालय के सामने हाईवे पर कर प्रदर्शन कर रहे लोगों की भीड़ को पुलिस ने हटाया। एसपी ने बलरामपुर थाना प्रभारी और आरक्षक को सस्पेंड कर दिया है था। मृतक गुरुचरण मंडल के पिता शांति राम ने थाने से बाहर निकलकर कहा कि पुलिस ने उसके बेटे को मारकर लटकाया है, TI और SP तीन दिनों से गुरुचरण को पीट रहे थे। वहीं ASP शैलेंद्र पांडेय ने इन आरोपों को खारिज किया है। ASP ने कहा कि, सिर्फ पूछताछ के लिए बुलाया गया था उसने बाथरूम में जाकर फांसी लगा ली थी। इसके बाद ही बवाल मच गया था।