देव उठनी एकादशी: गन्ना मण्डप में भगवान विष्णु की पूजा से शुभ कार्यों की शुरुआत
देव उठनी एकादशी: गन्ना मण्डप में भगवान शालिग्राम और तुलसी विवाह की पूजा से शुभ कार्यों की शुरुआत, घर घर हुई पूजा अर्चना
सुशील तिवारी
आज देव उठनी एकादशी का पर्व पूरे उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जा रहा है। इस दिन विशेष रूप से गन्ने का मण्डप बनाकर भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना की जाती है। हिंदू धर्म में इस पर्व का अत्यधिक महत्व है क्योंकि इसे भगवान विष्णु के चार महीने के शयन के बाद जागने का दिन माना जाता है। इस दिन से शुभ कार्यों का आरंभ भी होता है। देवोत्थान एकादशी को “प्रबोधिनी एकादशी” के नाम से भी जाना जाता है। भगवान शालिग्राम और तलसी माता जी के विवाह के पश्चात सभी शुभकामनाएं प्रारंभ हो जाते है ।
इस अवसर पर समाजसेवी ट्रेवल्स के संचालक रोहित राठौर ने अपने परिवार के साथ पूर्व विधि-विधान से पूजा संपन्न की। रोहित राठौर ने बताया कि इस दिन को लेकर मान्यता है कि भगवान विष्णु जागने के बाद पृथ्वी पर सुख, समृद्धि और शांति का आशीर्वाद देते हैं। इस दिन भगवान का आशीर्वाद पाने के लिए गन्ने के मण्डप में पूजन का आयोजन किया जाता है, जिससे परिवार और समाज में खुशहाली बनी रहती है।
प्रगति नगर दीपका निवासी मंजू ज्ञान जायसवाल ने इस पूजा का महत्व बताते हुए कहा कि यह पर्व हमें श्रद्धा, भक्ति और सद्गुणों को अपनाने की प्रेरणा देता है। देव उठनी एकादशी के बाद विवाह, गृह प्रवेश जैसे मांगलिक कार्य आरंभ होते हैं, जिससे समाज में सौहार्द और उत्साह का वातावरण बना रहता है।