जगदलपुर। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जगदलपुर में अमर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर उन्होंने बस्तर के विकास को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि यदि बस्तर से नक्सलवाद समाप्त हो जाता है, तो यहां पर्यटकों की संख्या कश्मीर से भी अधिक होगी। उन्होंने 31 मार्च 2026 तक बस्तर के बदलते हुए स्वरूप की उम्मीद जताते हुए कहा, “लोग तब कहेंगे कि बस्तर बदल गया है।” उन्होंने नक्सलियों को चेतावनी दी कि अगर वे हिंसा में लिप्त रहते हैं, तो सुरक्षाबल उन्हें सख्ती से निपटेंगे, और जो लोग गलत रास्ते पर हैं, उन्हें सरेंडर करना चाहिए।
इससे पहले, केंद्रीय मंत्री अमित शाह 15 दिसंबर को बस्तर ओलंपिक के समापन समारोह में भी शामिल हुए थे। कार्यक्रम के बाद उनकी योजना बस्तर के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों, विशेषकर हिड़मा के गांव पूवर्ती, और वहां के सुरक्षाबल के कैंपों का दौरा करने की है। इसके बाद वे रायपुर में वामपंथी उग्रवाद (LWE) पर एक अहम बैठक भी करेंगे, जिसमें नक्सलवाद पर कड़ी कार्रवाई और सुरक्षा मामलों पर चर्चा की जाएगी।
बस्तर में नक्सलवाद के संदर्भ में माड़वी हिड़मा का नाम प्रमुख रूप से लिया जाता है। हिड़मा, जो सुकमा जिले के पूवर्ती गांव का निवासी है, वर्तमान में नक्सलियों के सेंट्रल कमेटी का सदस्य है और पुलिस की वांछित सूची में सबसे पहले इसका नाम है। इस पर 1 करोड़ रुपये से अधिक का इनाम भी घोषित किया गया है।