छत्तीसगढ़ बड़ी खबर : फर्जी दस्तावेजों के मामले में कार्रवाई, KTU के प्रोफेसर शाहिद अली की सेवा समाप्त
Chhattisgarh big news: Action in case of fake documents, service of KTU professor Shahid Ali terminated
रायपुर। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय (केटीयू) के जनसंचार विभागाध्यक्ष डॉ. शाहिद अली की सेवा समाप्त कर दी गई है। यह कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट के आदेश के परिपालन में की गई। विश्वविद्यालय ने इस संबंध में आदेश जारी करते हुए बताया कि डॉ. अली पर फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर नियुक्ति पाने का आरोप सिद्ध हुआ था।
सुप्रीम कोर्ट ने हटाया स्टे
डॉ. शाहिद अली की नियुक्ति को लेकर 2024 में याचिका क्रमांक एसएलपी 10563 सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने 27 नवंबर 2024 को इस मामले में डॉ. अली के खिलाफ स्थगन आदेश (स्टे) हटा दिया, जिसके बाद विश्वविद्यालय ने कार्रवाई करते हुए उनकी सेवा समाप्त कर दी।
हाईकोर्ट ने भी नियुक्ति को रद्द किया था
इससे पहले, छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की डबल बेंच ने 14 फरवरी 2023 को डॉ. शाहिद अली की नियुक्ति को रद्द करने का आदेश दिया था। उन्हें 13 जुलाई 2023 को अपना पक्ष रखने का अवसर दिया गया था, लेकिन उनके दस्तावेजों में पाई गई गंभीर कमियों के आधार पर यह मामला आगे बढ़ा।
शिकायत से खुला फर्जीवाड़ा
डॉ. अली के फर्जी दस्तावेजों का मामला डॉ. आशुतोष मिश्रा की शिकायत पर उजागर हुआ। जांच में पुष्टि होने के बाद विश्वविद्यालय ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आधार पर यह कठोर कदम उठाया।
जनसंचार विभागाध्यक्ष का पद खाली
डॉ. शाहिद अली की सेवा समाप्ति के बाद विश्वविद्यालय में जनसंचार विभागाध्यक्ष का पद खाली हो गया है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने कहा है कि इस पद पर नई नियुक्ति के लिए प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी।
फर्जी दस्तावेजों पर सख्त रुख
यह मामला शिक्षा क्षेत्र में फर्जी दस्तावेजों के जरिए पद पाने की कोशिशों पर सख्त कार्रवाई का उदाहरण है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि संस्थान में पारदर्शिता और सत्यनिष्ठा बनाए रखने के लिए ऐसे मामलों में जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाएगी।