रायपुर। छत्तीसगढ़ में पुलिस भर्ती घोटाले का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। राजनांदगांव जिले में आरक्षक अनिल रत्नाकर की संदिग्ध मौत के बाद प्रदेश की राजनीति गरमा गई है। इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने CBI जांच की मांग उठाई है।
भूपेश बघेल का सवाल : हत्या या आत्महत्या?
भूपेश बघेल ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, “पुलिस भर्ती घोटाला… मौत का खेल शुरू। आरक्षक अनिल रत्नाकर की लाश फांसी के फंदे पर लटकी मिली है। सवाल यह है कि यह हत्या है या आत्महत्या? क्या इसमें कोई बड़े खिलाड़ी शामिल हैं?” उन्होंने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से इस मामले की CBI जांच कराने की मांग की।
क्या है पूरा मामला?
राजनांदगांव जिले के ग्राम रामपुर में एक खेत में आरक्षक अनिल रत्नाकर का शव पेड़ से लटका मिला। अनिल रत्नाकर खैरागढ़ के जालबांधा पुलिस चौकी में पदस्थ थे और 2021 में पुलिस विभाग में भर्ती हुए थे।
बताया जा रहा है कि अनिल रत्नाकर का नाम पुलिस भर्ती प्रक्रिया में कथित घोटाले से जुड़े 14 संदिग्ध आरक्षकों में शामिल था। इन सभी पर भर्ती प्रक्रिया के दौरान अनियमितता और लेनदेन के आरोप लगे थे।
पुलिस जांच जारी
घटना के बाद पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। खैरागढ़ पुलिस अधीक्षक त्रिलोक बंसल और राजनांदगांव सीएसपी पुष्पेंद्र नायक ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि मामले की गहराई से जांच की जा रही है।
सवालों के घेरे में भर्ती प्रक्रिया
आरक्षक अनिल रत्नाकर की संदिग्ध मौत ने पुलिस भर्ती प्रक्रिया को संदेह के घेरे में खड़ा कर दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की CBI जांच की मांग के बाद इस मामले में राजनीतिक बयानबाजी भी तेज हो गई है।
प्रदेशभर में इस घटना को लेकर आक्रोश है और अब सबकी निगाहें सरकार की आगामी कार्रवाई पर टिकी हैं।