
रायपुर। छत्तीसगढ़ के पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा के घर प्रवर्तन निदेशालय (ED) की रेड के बाद सियासत गरमा गई है। रायपुर के साथ-साथ सुकमा और धमतरी जिलों में भी ईडी ने छापेमारी की थी। इस कार्रवाई के बाद पूर्व मंत्री कवासी लखमा ने मीडिया के सामने कहा, “मैं तो अनपढ़ हूं, जिसका फायदा बड़े अधिकारियों ने उठाया है। गड़बड़ी अधिकारियों ने की है।”
पूर्व मंत्री के इस बयान को लेकर अब मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मीडिया सलाहकार ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर पोस्ट करते हुए लिखा कि,
“कांग्रेस का व्यवहार यह दिखाता है कि आप चाहे सर्वोच्च डिग्रीधारी हों या निरक्षर, यदि आप सहज और सरल हैं, तो नेहरू-फिरोज परिवार और उनके वफादारों द्वारा शोषण का शिकार होना तय है।”
उन्होंने आरोप लगाया कि भूपेश बघेल सरकार ने शराबबंदी का वादा कर सत्ता में आने के बाद शराब की होम डिलीवरी तक शुरू करवाई। उन्होंने कहा कि ईडी जांच में यह साक्ष्य सामने आए हैं कि हर महीने 50 लाख रुपये कवासी लखमा के नाम पर लिए जाते थे।
पूर्व मंत्री का बचाव –
कवासी लखमा का कहना है कि वे निरक्षर हैं और शपथपत्र पढ़ नहीं पाते, बल्कि उन्हें शपथ सुनाकर दिलाई जाती है। उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारियों ने उनके हस्ताक्षर का गलत इस्तेमाल किया और इस घोटाले में उन्हें बलि का बकरा बनाया गया।
राजनीतिक हमले तेज –
मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार ने कहा कि कांग्रेस ने कवासी लखमा जैसे आदिवासी नेता का केवल इस्तेमाल किया और अब उन्हें अकेला छोड़ दिया गया है। उन्होंने इस स्थिति की तुलना पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से की और इसे कांग्रेस की पुरानी रणनीति करार दिया।
क्या है मामला –
प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा की गई छापेमारी में शराब घोटाले से जुड़े कई अहम दस्तावेज बरामद हुए हैं। जांच एजेंसी का दावा है कि इस घोटाले में करोड़ों रुपये की हेराफेरी हुई है और इसमें कई अधिकारी और राजनेता शामिल हैं।
यह मामला अब सियासी रंग ले चुका है और आने वाले दिनों में इस पर राजनीतिक बयानबाजी और तेज होने की संभावना है।