
रायपुर। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बस्तर दौरे के 19 दिन बाद नक्सलियों ने बीजापुर जिले में बड़ा हमला कर 9 लोगों की जान ले ली, जिनमें 8 डीआरजी जवान और 1 नागरिक ड्राइवर शामिल हैं। यह घटना नक्सल विरोधी अभियान को लेकर शाह द्वारा बनाई गई रणनीति के बाद हुई है।
अमित शाह ने बीते 15 दिसंबर को बस्तर दौरे के दौरान कहा था कि “31 मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद का पूरी तरह खात्मा हो जाएगा।” उन्होंने नक्सलियों से आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटने की अपील की थी।
जवानों के बलिदान पर सियासत तेज –
इस नक्सली हमले के बाद प्रदेश में राजनीति गरमा गई है।
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष किरण सिंहदेव ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि “दुख की घड़ी में कांग्रेस राजनीति कर रही है, जबकि यह समय बलिदानियों को नमन करने का है।”
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष दीपक बैज ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “सरकार की नक्सल नीति में असमंजस के कारण इतनी बड़ी क्षति हुई है।”
सबसे आगे खड़े होते हैं स्थानीय जवान –
डीआरजी (डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड) का गठन वर्ष 2008 में नारायणपुर जिले में हुआ था। इसके बाद सुकमा, दंतेवाड़ा और बीजापुर में स्थानीय युवाओं और आत्मसमर्पित नक्सलियों की भर्ती की गई। डीआरजी के जवान हर मुठभेड़ में सबसे आगे खड़े रहते हैं।
26 अप्रैल 2023 : दंतेवाड़ा में बड़ा हमला –
26 अप्रैल 2023 को नक्सलियों ने आईईडी विस्फोट कर डीआरजी जवानों के वाहन को उड़ा दिया था, जिसमें 11 जवान शहीद हो गए थे।
सोमवार को दो धमाके, बढ़ी सतर्कता –
बीजापुर के कुटरू इलाके में सोमवार को दो धमाके हुए। पहले धमाके में नुकसान कम हुआ, लेकिन दूसरा विस्फोट घातक साबित हुआ। इस हमले के बाद पूरे इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी गई है और नक्सल विरोधी अभियान को तेज कर दिया गया है।
प्रदेश सरकार ने इस हमले की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं और जवानों के बलिदान को नमन किया है।