जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में नक्सलियों ने एक बड़े आईईडी विस्फोट को अंजाम देकर जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) के जवानों की स्कॉर्पियो एसयूवी को उड़ा दिया। यह घटना कुटरू-बेदरे मार्ग पर अंबेली गांव के पास हुई, जहां नक्सलियों ने चार साल पहले 70 किलो आईईडी बिछाया था।
विस्फोट की भयावहता –
विस्फोट इतना शक्तिशाली था कि सीमेंट की एक फीट मोटी सड़क फट गई और वहां 10 फीट गहरा व 25 फीट चौड़ा गड्ढा बन गया। गाड़ी के टुकड़े और जवानों के शरीर के अंग 500 मीटर दूर तक बिखर गए।
कैसे बिछाया गया था आईईडी –
नक्सलियों ने ‘फॉक्स होल तकनीक’ का इस्तेमाल कर सड़क के नीचे सुरंग बनाकर आईईडी बिछाया था। इसे ट्रिप वायर तकनीक से ट्रिगर किया गया। पेड़ की जड़ के नीचे स्वीच छुपाकर, लगभग 300 मीटर दूर से विस्फोट को अंजाम दिया गया।
इतिहास और बढ़ते हमले –
बस्तर में नक्सलियों द्वारा आईईडी विस्फोट का पहला प्रयोग 1990 के दशक में हुआ था। तब से यह उनकी सबसे घातक रणनीति बन चुकी है। छत्तीसगढ़ राज्य के गठन के बाद से 1197 आईईडी विस्फोटों में 1313 सुरक्षा बलों और आम नागरिकों की जान जा चुकी है।
सावधानी बरतने की आवश्यकता –
विशेषज्ञों का मानना है कि नक्सलियों की इस रणनीति को विफल करने के लिए सुरक्षा बलों को अतिरिक्त सावधानी और आधुनिक तकनीकी उपकरणों का उपयोग करना होगा।
यह घटना एक बार फिर से साबित करती है कि नक्सल उन्मूलन अभियान में तकनीकी सावधानी और मजबूत रणनीति की जरूरत है।