
कबीरधाम। प्रेरणा उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कुंडा तहसील पंडरिया पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। यह आरोप किसी और ने नहीं बल्कि स्कूल की प्राचार्या ने लगाया हैं। वही, आज अपनी शिकायतों का पिटारा लेकर प्राचार्या कलेक्टर रमेश कुमार शर्मा के पास पहुंची, जहां पर उन्होंने समिति के करतूतों का खुलासा किया और अपने लिए इंसाफ की गुहार लगाई।
दरअसल, प्रेरणा उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कुंडा की प्राचार्या सिमरन कौर मक्कड़ ने कलेक्टर से शिकायत की है कि समिति ने बिना इंफॉर्मेशन के पद से हटा दिया। वही, इस स्कूल में काम करने के बाद भी वेतन नही दिया गया। साथ ही प्राचार्या के सील और हस्ताक्षर का दुरुपयोग किया गया। वही, समिति से धमकी मिली है कि मुंह खोलने पर मानहानि ठोकी जाएगी।
प्राचार्या सिमरन कौर मक्कड़ को 24 मार्च 2020 को प्राचार्या के पद पर नियुक्त किया गया था। इस दायित्व को उन्होंने जिम्मेदारी के साथ निभाया। प्राचार्य होने के बावजूद वह कक्षाओं में शिक्षक की भूमिका भी निभा रही थी। स्कूल को मान्यता प्राप्त कराने के लिए प्राचार्या के डिग्री व दस्तावेजों का उपयोग किया गया। वही स्कूल समिति का काम निकलने के बाद उन्हें बिना किसी लेटर के पद मुक्त कर दिया गया। नियुक्ति के बाद अब तक उन्हें किसी प्रकार की कोई सैलरी नहीं दी गई है।
सागर चंद्राकर पर सिमरन कौर कक्कड़ ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वह अपने आप को इस स्कूल का प्राचार्य बताता है जबकि दस्तावेजों में प्राचार्या ही सिमरन कौर कक्कड़ हैं। नोडल अधिकारी के द्वारा मीटिंग के लिए कहा गया था लेकिन समिति के द्वारा वह भी नहीं किया गया। सरकारी नियम से समिति को कोई मतलब नहीं है और किसी का डर भी नहीं है। प्राचार्या होने के बाद भी कोई भी निर्णय सिमरन कौर नहीं लेती बल्कि उनके सील और सिग्नेचर का दुरुपयोग किया जाता है।
इस स्कूल में कोरोना गाइडलाइंस का पालन भी नहीं किया जाता यहां पर सरकार के नियमों की अनदेखी की जा रही है। प्राचार्या ने जब अपना दस्तावेज मांगा तो उन्हें रुकने के लिए कहा गया। वही, जब स्कूल आने की बात कही तो समिति के कुछ लोग घर आ जाते हैं और एक्सप्लेन करने लगते हैं। स्कूल में 11वीं 12वीं के बच्चों को पढ़ाने वाले शिक्षक भी अंडर ग्रेजुएट हैं यहां सभी नियमों की अनदेखी की जा रही है और विद्यार्थियों के जीवन से खिलवाड़ किया जा रहा है।
वही, प्रेरणा उच्चतर माध्यमिक विद्यालय प्राचार्या सिमरन कौर मक्कड़ ने कलेक्टर से कार्यवाही करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि उन्हें अब तक का उचित भुगतान कराया जाए और नियम से पद मुक्त किया जाए। साथ ही स्कूल की व्यवस्था पर ध्यान दिया जाए ताकि बच्चों के भविष्य से कोई खिलवाड़ ना हो।