
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण आदेश में कहा है कि, ऐसे वकील जिन्होंने स्टेट बार काउंसिल में पंजीयन नहीं कराया है, वे भी सिविल जज परीक्षा-2024 के फॉर्म भर सकते हैं।
कोर्ट ने छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग को निर्देश देते हुए बताया कि 24 जनवरी को फॉर्म भरने की आखिरी तारीख को एक माह बढ़ाया जाए। इसके साथ ही कोर्ट ने आयोग से नियमों में किए गए संशोधन पर पुनर्विचार करने का आग्रह भी किया। इस मामले पर अब 17 फरवरी को सुनवाई होगी।
यह मामला जबलपुर की विनीता यादव से जुड़ा हुआ है, जिन्होंने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। विनीता ने बताया कि उन्होंने रानी दुर्गावती यूनिवर्सिटी, जबलपुर से विधि में स्नातक किया है और वर्तमान में सरकारी नौकरी में हैं। वह सिविल जज (जूनियर डिवीजन) परीक्षा-2024 में भाग लेना चाहती हैं, लेकिन विज्ञापन में यह शर्त थी कि उम्मीदवार को स्टेट बार काउंसिल में अधिवक्ता के तौर पर पंजीयन अनिवार्य है। विनीता, जो पूर्णकालिक सरकारी कर्मचारी हैं, बार काउंसिल ऑफ इंडिया के नियमों के अनुसार पंजीयन नहीं करा सकती थीं।
हाई कोर्ट ने छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग को निर्देश दिया है कि वह अधिवक्ता के रूप में पंजीकृत नहीं होने वाले उम्मीदवारों को भी फॉर्म भरने की अनुमति दे और एक महीने की मोहलत बढ़ा दे। हालांकि, कोर्ट ने भर्ती प्रक्रिया में उम्मीदवारों की भागीदारी को याचिका के अंतिम परिणाम के अधीन रखा है।
यह फैसला उन उम्मीदवारों के लिए राहत की बात है जो परीक्षा में भाग लेने के इच्छुक थे लेकिन पंजीयन संबंधित नियमों में कठिनाइयों का सामना कर रहे थे।