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छत्तीसगढ़ CGPSC घोटाला : भर्ती प्रक्रिया को हिलाकर रख देने वाला सिंडिकेट बेनकाब, कारोबारी श्रवण कुमार गोयल की जमानत याचिका खारिज

रायपुर। छत्तीसगढ़ पीएससी (CGPSC) घोटाले के मामले में जेल में बंद कारोबारी श्रवण कुमार गोयल को कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। उनकी जमानत याचिका को विशेष अदालत ने खारिज कर दिया। इसी दौरान, सीबीआई ने इस मामले में 465 पन्नों की विस्तृत चार्जशीट और 15 पन्नों की समरी कोर्ट में पेश की है। इसमें भर्ती घोटाले से जुड़े महत्वपूर्ण सबूत और आरोपियों की सूची शामिल है।

बड़े नामों का खुलासा –

चार्जशीट में पूर्व पीएससी चेयरमैन टामन सोनवानी, उनके बेटे साहिल सोनवानी, भतीजे, डिप्टी एग्जाम कंट्रोलर ललित गनवीर, श्रवण कुमार गोयल, उनके बेटे शशांक, बहू भूमिका और अन्य के नाम शामिल हैं। अब तक इस घोटाले में कई नामचीन लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।

सिंडिकेट ने किया परीक्षा प्रणाली को प्रभावित –

CBI की जांच में खुलासा हुआ है कि भर्ती प्रक्रिया में एक सिंडिकेट सक्रिय था। इस सिंडिकेट ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए पैसे के बदले परीक्षा के पेपर लीक किए और अपने रिश्तेदारों तथा करीबियों को फायदा पहुंचाया।

40 गवाहों की सूची –

CBI ने कोर्ट में 40 गवाहों की सूची सौंपी है। चार्जशीट में आरोप लगाया गया है कि इस घोटाले के जरिए कई योग्य उम्मीदवारों का भविष्य खराब किया गया। सीबीआई ने इस मामले में ट्रांजैक्शन का ब्यौरा भी कोर्ट में प्रस्तुत किया है।

30 जनवरी को अगली सुनवाई –

कोर्ट में 30 जनवरी को बचाव और अभियोजन पक्ष अपने-अपने तर्क प्रस्तुत करेंगे। जांच एजेंसी ने संकेत दिए हैं कि मामले में पूर्व परीक्षा नियंत्रक आरती वासनिक की भी भूमिका संदिग्ध है। साक्ष्य मिलने पर उनकी गिरफ्तारी हो सकती है।

क्या है CGPSC घोटाला? –

CGPSC घोटाले में परीक्षा प्रणाली को प्रभावित कर पदों पर भर्ती के लिए धन के लेन-देन और पेपर लीक की साजिश रची गई। इस घोटाले ने छत्तीसगढ़ की भर्ती प्रक्रिया पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

Ashok Kumar Sahu

Editor, cgnewstime.com

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