
सुशील तिवारी
दीपका नगर पालिका में अध्यक्ष पद पर कांटे की टक्कर, मतदाता चुप – फैसला 11 फरवरी को!
दीपका नगर पालिका के चुनावी समर में भाजपा और कांग्रेस दोनों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। भाजपा ने इस बार ब्राह्मण प्रत्याशी की जगह राजेंद्र राजपूत को मैदान में उतारा है, जबकि कांग्रेस ने ब्राह्मण उम्मीदवार को टिकट देकर भाजपा की पारंपरिक रणनीति को चुनौती दी है। पिछले तीन चुनावों में ब्राह्मण प्रत्याशी की जीत का रिकॉर्ड रहा है, लेकिन इस बार क्या समीकरण होगा, यह आने वाला समय ही बताएगा।
दीपका निकाय के 21 वार्डों में मतदाता पूरी तरह मौन 🤭 है ? न तो खुलकर समर्थन जताया जा रहा है, न ही विरोध। राजनीतिक गलियारों में चर्चा गर्म है कि मतदाता किस करवट बैठेंगे—क्या भाजपा अपने परंपरागत वोट बैंक को साध पाएगी, या कांग्रेस की नई रणनीति रंग लाएगी?
मीडिया सर्वे के अनुसार जनता पूरी तरह से मतदान के दिन का इंतजार कर रही है। इस रहस्यमयी चुप्पी ने दोनों ही दलों की धड़कनें तेज कर दी हैं। मतदाताओं के मन की गहराइयों में क्या चल रहा है, इसका खुलासा 11 फरवरी को होगा, और परिणाम 15 फरवरी को साफ कर देगा कि सत्ता का सेहरा किसके सिर बंधेगा।
अब देखना यह है कि यह चुनावी दंगल किसके लिए विजयश्री लेकर आएगा—क्या भाजपा अपनी लय बनाए रखेगी, या कांग्रेस की नई चाल इस बार पासा पलट देगी ?