Uncategorized

महाकुंभ की आस्था भारी, 95 मतदाता 11 फरवरी को नहीं डाल सकेंगे वोट

@सुशील तिवारी

महाकुंभ की आस्था भारी, 95 मतदाता 11 फरवरी को नहीं डाल सकेंगे वोट

प्रयागराज महाकुंभ का दुर्लभ संयोग 144 वर्षों बाद उपस्थित हुआ है, और धार्मिक आस्था के चलते दीपका निकाय के 70 और एनटीपीसी कोरबा  से 20 से 25 मतदाता 11 फरवरी को नगरीय निकाय के होने वाले चुनाव में अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं कर पाएंगे। इन मतदाताओं ने महीनों पहले ही महाकुंभ यात्रा की योजना बना ली थी और ट्रैवल एजेंसी को अग्रिम भुगतान कर दिया था। चुनाव की तिथि बाद में घोषित हुई, जिससे वे मतदान के दौरान अनुपस्थित रहेंगे।

प्रगति नगर और उसके आसपास के वार्डों के ये मतदाता अपने धार्मिक विश्वास के कारण किसी भी हालत में इस यात्रा को छोड़ने के पक्ष में नहीं थे। हालांकि उन्होंने मतदान का महत्व समझते हुए प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारी रिटर्निंग ऑफिसर से कोई वैकल्पिक व्यवस्था करने का अनुरोध किया, लेकिन उन्हें स्पष्ट कर गया कि आम मतदाताओं के लिए ऐसी कोई विशेष सुविधा उपलब्ध नहीं है।

यात्रा पर निकले कुछ लोगों का कहना है कि लोकतंत्र में मतदान एक महत्वपूर्ण अधिकार है, लेकिन इस प्रकार की विशेष परिस्थितियों में सरकार को ऐसा प्रावधान करना चाहिए जिससे मतदाता अपनी धार्मिक आस्था और मतदान दोनों का सम्मान कर सकें। वहीं, चुनावी प्रक्रिया से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि चुनाव की तिथि तय होने के बाद उसमें बदलाव संभव नहीं होता और मतदान के लिए पहले से तय नियमों का पालन ही किया जा सकता है।

अब जब ये मतदाता मतदान से वंचित रह जाएंगे, तो यह सवाल उठता है कि क्या भविष्य में इस तरह की परिस्थितियों के लिए कोई विशेष प्रावधान किया जा सकता है, जिससे आस्था और लोकतंत्र, दोनों के संतुलन को बनाए रखा जा सके।

sushil tiwari

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!