
रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के पूर्व महापौर एजाज ढेबर मंगलवार को EOW (आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो) के दफ्तर पहुंचे। शराब घोटाले की जांच कर रही एजेंसी ने उन्हें पूछताछ के लिए तलब किया था। एजाज ढेबर अपने वकील के साथ EOW कार्यालय पहुंचे, जहां अधिकारियों ने उनसे घोटाले से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर सवाल-जवाब किए।
EOW-ACB की जांच में सामने आए तथ्यों के आधार पर एजाज ढेबर और उनके करीबी रिश्तेदारों को नोटिस जारी किया गया था। बताया जा रहा है कि एजाज ढेबर ने नगरीय निकाय चुनाव का हवाला देते हुए पूछताछ से छूट मांगी थी, लेकिन जांच एजेंसी ने उन्हें पेश होने का निर्देश दिया।
ED ने दर्ज कराई थी FIR, 2000 करोड़ के घोटाले का आरोप
जनवरी 2024 में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने राज्य की जांच एजेंसी EOW-ACB में इस मामले में FIR दर्ज कराई थी। ED ने अपने आवेदन में दावा किया था कि तत्कालीन भूपेश बघेल सरकार के दौरान पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा, छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन के तत्कालीन एमडी एपी त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर के अवैध सिंडिकेट ने 2000 करोड़ रुपए से अधिक के शराब घोटाले को अंजाम दिया था।
EOW-ACB की जांच में डुप्लीकेट होलोग्राम घोटाले का खुलासा हुआ था। जांच एजेंसी ने अनवर ढेबर की जमीन की खुदाई कर बड़े पैमाने पर नकली होलोग्राम जब्त किए थे। इस मामले में अब एजेंसी ने पूर्व महापौर एजाज ढेबर और उनके रिश्तेदारों को तलब किया है।
पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा जेल में
ED की जांच में यह भी सामने आया कि घोटाले के दौरान राज्य के पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को हर महीने 2 करोड़ रुपए कमीशन के रूप में दिए जाते थे। हाल ही में ED ने उनके ठिकानों पर छापेमारी कर उन्हें हिरासत में लिया था। पूछताछ के बाद कवासी लखमा को कोर्ट में पेश कर उनकी रिमांड ली गई थी। फिलहाल वे जेल में बंद हैं।
शराब घोटाले की जांच लगातार जारी है और इसमें कई बड़े नामों की संलिप्तता सामने आ सकती है।