
रायपुर, 13 मार्च 2025। छत्तीसगढ़ सरकार ने भारतमाला मुआवजा घोटाले की EOW (आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा) से जांच कराने का फैसला लिया है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सदन में स्पष्ट किया कि इस भ्रष्टाचार में शामिल किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।
324 करोड़ से ज्यादा का घोटाला, विपक्ष ने उठाए सवाल
भारत माला परियोजना के तहत रायपुर से विशाखापटनम इकनॉमिक कॉरिडोर के लिए की गई भू-अर्जन प्रक्रिया में भारी अनियमितताओं का मामला विधानसभा में गूंजा। नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने सदन में आरोप लगाया कि रायपुर जिले के अभनपुर तहसील के चार गांवों की जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया में राजस्व अधिकारियों ने 43.19 करोड़ रुपये का गबन किया है।
प्रदेशभर में भारतमाला परियोजना के तहत विभिन्न हिस्सों में हो रहे भू-अर्जन में 324 करोड़ रुपये से अधिक का घोटाला सामने आया है। इस मुद्दे को लेकर विपक्ष ने CBI जांच की मांग की थी।
राजस्व मंत्री ने पहले दी थी जांच की बात, अब CM ने किया बड़ा ऐलान
विधानसभा में राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने इस मामले की कमिश्नर से जांच कराने का आश्वासन दिया था और कहा था कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी। लेकिन अब मुख्यमंत्री ने इस घोटाले को EOW को सौंपने का ऐलान कर दिया है, जिससे बड़े स्तर पर जांच की संभावना बढ़ गई है।
EOW करेगी गहराई से जांच, दोषियों पर होगी कार्रवाई
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश के बाद जल्द ही EOW इस मामले की जांच शुरू करेगी और दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। माना जा रहा है कि इस जांच से कई बड़े अधिकारियों और रसूखदारों की भूमिका उजागर हो सकती है।