
रायपुर/तेलंगाना। छत्तीसगढ़ और तेलंगाना सीमा पर नक्सलियों के सबसे सुरक्षित ठिकाने माने जाने वाले भट्टिगुड़ा में सुरक्षा बलों ने बड़ी सफलता हासिल की है। तेलंगाना के कोठागुडेम में 6 महिलाओं समेत कुल 64 नक्सलियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है।
सूत्रों के मुताबिक, यह आत्मसमर्पण सुरक्षा बलों के बढ़ते दबाव और लगातार जारी अभियानों के कारण हुआ है। फोर्स अब उन इलाकों तक पहुंच चुकी है, जिन्हें पहले नक्सलियों का अभेद्य गढ़ माना जाता था। नक्सलियों के सेंट्रल कमेटी सदस्य सुदर्शन द्वारा बनाए गए विशाल स्मारक और ट्रेनिंग कैंप को ध्वस्त कर दिया गया है।
हिड़मा-देवा की बटालियन का ट्रेनिंग सेंटर ध्वस्त
भट्टिगुड़ा में नक्सली कमांडर हिड़मा और देवा की बटालियन का ट्रेनिंग कैंप मौजूद था, जहां नए लड़ाकों को गुरिल्ला युद्ध के गुर सिखाए जाते थे। इसमें जवानों पर घात लगाकर हमला करना, एंबुश बिछाना, बम प्लांट करना, और शहीद हुए साथियों को निकालने जैसी ट्रेनिंग दी जाती थी। अब इस इलाके में सुरक्षा बलों ने कब्जा कर लिया है।
नक्सली संगठन कमजोर, आत्मसमर्पण की संख्या बढ़ी
बस्तर में लगातार चल रहे ऑपरेशनों के कारण नक्सली संगठन कमजोर हो रहा है। पहले जहां इस क्षेत्र में लगभग 400 नक्सली सक्रिय थे, वहीं अब इनकी संख्या घटकर काफी कम हो गई है। नक्सली लगातार आत्मसमर्पण कर रहे हैं, जिससे संगठन की ताकत कम हो रही है।
सुरक्षा बलों की यह बड़ी सफलता नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शांति स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। पुलिस और प्रशासन का कहना है कि नक्सल प्रभावित इलाकों में विकास कार्यों को गति देने के लिए अभियान जारी रहेगा।