
बिलासपुर, 22 मार्च 2025। छत्तीसगढ़ कोयला घोटाले में जेल में बंद पूर्व आईएएस अधिकारी रानू साहू की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। हाईकोर्ट ने उनकी दोनों अग्रिम जमानत याचिकाओं को खारिज कर दिया है। जस्टिस नरेंद्र कुमार व्यास की सिंगल बेंच ने अपराध की गंभीरता को देखते हुए यह फैसला सुनाया।
रानू साहू पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 और आईपीसी की धारा 120बी व 420 समेत कई धाराओं के तहत मामला दर्ज है। वह रायपुर की सेंट्रल जेल में बंद हैं। उनकी जमानत याचिका पर 31 जनवरी 2025 को फैसला सुरक्षित रखा गया था, जिसे अब खारिज कर दिया गया है।
आय से अधिक संपत्ति और अवैध वसूली के आरोप
रानू साहू पर आरोप है कि उन्होंने और उनके परिवार ने आय से अधिक संपत्ति अर्जित की। जांच एजेंसियों के अनुसार, उन्होंने कोयला कारोबारी सूर्यकांत तिवारी के अवैध कोयला लेवी सिंडिकेट की मदद की। यह सिंडिकेट कोयला डिलीवरी ऑर्डर पर परमिट जारी करने के लिए प्रति टन 25 रुपए की अवैध वसूली करता था।
शिकायत में यह भी कहा गया कि 2015 से 2022 तक साहू और उनके परिवार ने 24 अचल संपत्तियां खरीदीं। जबकि 2011 से 2022 तक उन्हें महज 92 लाख रुपये वेतन मिला, लेकिन उन्होंने 3.93 करोड़ रुपये की संपत्ति अर्जित कर ली। इसी आधार पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी।
कोर्ट का सख्त रुख, राहत नहीं
अब हाईकोर्ट ने अपराध की गंभीरता और पर्याप्त साक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए जमानत याचिका खारिज कर दी। फिलहाल, पूर्व आईएएस रानू साहू को जेल में ही रहना होगा और जांच एजेंसियां आगे की कार्रवाई कर सकती हैं।