
रायपुर। महादेव सट्टा एप मामले में CBI ने हाल ही में जिन अधिकारियों के ठिकानों पर छापेमारी की, उन्हें सख्त निर्देश दिए गए हैं कि बिना अनुमति अपने क्षेत्र से बाहर न जाएं और जरूरत पड़ने पर पूछताछ के लिए CBI कार्यालय में हाजिर हों। सूत्रों के अनुसार, प्रारंभिक पूछताछ के आधार पर CBI इन अधिकारियों को अलग-अलग तारीखों में पूछताछ के लिए बुलाएगी।
CBI की कार्रवाई का आधार –
CBI ने यह कार्रवाई भाजपा नेता और अधिवक्ता नरेश गुप्ता की शिकायत और EOW (आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा) द्वारा कोर्ट में पेश किए गए चालान के अध्ययन के बाद की है। छापेमारी के दौरान CBI ने EOW के कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों को भी जांच में शामिल किया। ऐसे में CBI आने वाले दिनों में महादेव सट्टा एप मामले में जेल में बंद आरोपियों की रिमांड लेकर गहन पूछताछ कर सकती है।
मूल गांवों तक होगी जांच –
CBI की टीम अब छत्तीसगढ़ में पदस्थ अधिकारियों के मूल निवास स्थानों तक पहुंचकर उनकी संपत्तियों और महादेव एप से जुड़े लिंक की जांच करेगी। इसके अलावा, भोपाल, दिल्ली और कोलकाता में हुई छापेमारी की जानकारियां भी साझा की जाएंगी। साथ ही, पिछले पांच वर्षों की चल-अचल संपत्तियों की भी जांच होगी।
ईडी रिपोर्ट से खुलासा – कमीशन नेटवर्क –
प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच रिपोर्ट में भी खुलासा हुआ है कि महादेव सट्टा एप से संबंधित अधिकारियों तक कमीशन कैसे पहुंचता था। रिपोर्ट के मुताबिक, कई प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों के नाम इस घोटाले में सामने आए हैं।
सट्टा कनेक्शन में ये नाम आए सामने –
– सौम्या चौरसिया – राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी मनीष उपाध्याय
– डॉ. सूरज कुमार कश्यप (तत्कालीन OSD) – प्रशांत त्रिपाठी, राहुल उप्पल, रोहित उप्पल
– अभिषेक माहेश्वरी (एएसपी, इंटेलिजेंस, रायपुर) – संदीप दीक्षित, राहुल उप्पल, रोहित उप्पल, प्रशांत त्रिपाठी
– संजय ध्रुव (एएसपी, दुर्ग) – भीम यादव
– अभिषेक पल्लव (एसपी, दुर्ग) – भीम यादव
– प्रशांत अग्रवाल (एसएसपी, रायपुर) – एस. साहू
– आरिफ शेख (आईजी, रायपुर) – अभिषेक माहेश्वरी
– विजय भाटिया (कारोबारी) – रोहित उप्पल, राहुल उप्पल
CBI और ED दोनों एजेंसियां इस पूरे मामले में गहराई से जांच कर रही हैं। आने वाले दिनों में और बड़े नामों के खुलासे की संभावना जताई जा रही है।