
अम्बिकापुर। छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में पुलिस महकमे की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। लुण्ड्रा थाना में पदस्थ आरक्षक अमित कुमार रजवाड़े ने प्रताड़ना से तंग आकर एसपी को अपना त्यागपत्र सौंप दिया है। उन्होंने अपने इस्तीफे में आईजी के स्टेनो पुष्पेंद्र शर्मा पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका त्यागपत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिससे मामले ने तूल पकड़ लिया है।
आरक्षक अमित रजवाड़े का आरोप है कि उन्हें जमीन देने के नाम पर 10 लाख रुपये की धोखाधड़ी का शिकार बनाया गया। इस संबंध में उन्होंने 2 अगस्त 2024 को मणिपुर थाने में शिकायत की, लेकिन एफआईआर दर्ज नहीं की गई। जब उन्होंने इसकी शिकायत एसपी और आईजी से की, तब भी आरोपियों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।
लगातार धमकियां और तबादला
आरक्षक ने आरोप लगाया कि शिकायत के बाद से ही आईजी के स्टेनो पुष्पेंद्र शर्मा उन्हें लगातार धमकियां देने लगे और बाद में उनका ट्रांसफर बलरामपुर जिले के रामानुजगंज थाने में करवा दिया गया। उन्होंने दावा किया कि इस ट्रांसफर का मकसद उन्हें मानसिक रूप से तोड़ना था।
चोरी के मामलों में भी नहीं हुई कार्रवाई
रजवाड़े ने अपने इस्तीफे में यह भी उल्लेख किया है कि उनके घर से दो लाख रुपये के सोने-चांदी के जेवर और मोटर पंप की चोरी हुई, लेकिन संबंधित थानों में एफआईआर दर्ज नहीं की गई। लखनपुर थाने में एक मामला दर्ज भी हुआ, लेकिन वहां पदस्थ प्रधान आरक्षक मनीष तिवारी पर आरोपियों से घूस लेकर गिरफ्तारी न करने का आरोप भी लगाया गया है।
आरक्षक ने इन तमाम घटनाओं से मानसिक रूप से टूटने और विभागीय उपेक्षा से व्यथित होकर अपना त्यागपत्र एसपी को सौंपते हुए इसे स्वीकार करने की अपील की है।