
रायपुर, 30 अप्रैल 2025। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए केंद्र सरकार ने सभी पाकिस्तानी नागरिकों को देश छोड़ने का आदेश जारी किया है। इस आदेश से देशभर में पाकिस्तानी नागरिकों में चिंता का माहौल है, लेकिन छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में बसे सिंध प्रांत से आए हिंदू शरणार्थियों के लिए राहत की खबर सामने आई है।
राज्य सरकार ने इन पाकिस्तानी अल्पसंख्यक हिंदुओं को देश में रहने की अनुमति दी है। छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री और उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने बताया कि केंद्र सरकार से मार्गदर्शन प्राप्त करने के बाद राज्य सरकार ने फैसला लिया कि CAA के तहत जो शरणार्थी पाकिस्तान में धार्मिक उत्पीड़न से भागकर आए हैं, उन्हें भारत में रहने और नागरिकता के लिए आवेदन करने की छूट है।
कांग्रेस ने उठाए सवाल
इस मुद्दे पर कांग्रेस नेता और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष धनेंद्र साहू ने राज्य सरकार की नीति पर सवाल उठाते हुए कहा, “केंद्र सरकार का आदेश पूरे देश पर लागू होता है, फिर छत्तीसगढ़ में अलग व्यवस्था क्यों? सभी पाकिस्तानी नागरिकों के लिए समान कानून होना चाहिए, चाहे वे हिंदू हों या मुस्लिम।”
शरणार्थियों ने जताया आभार
रायपुर के माना कैंप स्थित पूज्य शदाणी दरबार में रह रहे पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थियों ने राज्य सरकार के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में उन्हें धार्मिक स्वतंत्रता नहीं थी और हमेशा डर के माहौल में रहना पड़ता था। भारत में उन्हें सुरक्षा और सम्मान मिल रहा है, और वे यहीं स्थायी रूप से रहना चाहते हैं। उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार से नागरिकता और सम्मानजनक जीवन की मांग भी की है।
मानवता की दिशा में बड़ा कदम
जहां एक ओर देशभर में पाकिस्तानी नागरिकों को वापस भेजने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, वहीं छत्तीसगढ़ सरकार का यह निर्णय मानवता और संवैधानिक मूल्यों की दृष्टि से एक महत्वपूर्ण उदाहरण बनकर सामने आया है।