विश्व की दूसरी सबसे बड़ी ओपन कोयला खदान गेवरा परियोजना में हादसों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। आज शनिवार शाम लगभग 5:30 बजे कामस्तु कंपनी की डोजर नंबर 915 में आग लग गई। यह घटना उस वक्त घटी जब श्रीराम शाॅवेल, गणेश शाॅवेल और पार्था शाॅवेल के डंपिंग कार्य में मशीन संलग्न थी। डोजर ऑपरेटर बालेश्वर ने समय रहते सूझबूझ दिखाते हुए डोजर से कूदकर अपनी जान बचाई।
हादसे के वक्त कोल इंडिया की वेलफेयर टीम गेवरा माइंस के निरीक्षण पर मौजूद थी। ऐसे समय में सुरक्षा व्यवस्थाओं पर सवाल उठना लाजमी है, जब 10 अप्रैल को भारत के कोयला मंत्री किशन रेड्डी का गेवरा खदान में निरीक्षण प्रस्तावित है। मंत्री रेड्डी के दौरे को लेकर प्रबंधन पहले से ही सतर्क मोड में है, लेकिन लगातार हो रहे हादसे प्रशासन की तैयारियों की पोल खोलते नजर आ रहे हैं।
सूत्रों ने बताया कि डोजर में लगी आग को बुझाने में ढाई से 3 घंटे लग गए जिसमें करोड़ों रुपए का नुकसान बताया जा रहा है।
पूर्व में भी गेवरा माइंस में तकनीकी खामियों और लापरवाही के कारण कई बार घटनाएं हो चुकी हैं। अब जबकि विश्व की दूसरी सबसे बड़ी ओपन कोल माइंस पर देश के कोयला मंत्री का दौरा तय है, ऐसे में सुरक्षा व्यवस्था की स्थिति को लेकर गंभीर सवाल उठने लगे हैं।