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25 साल बाद स्कूल के दोस्तों का यादगार मिलन समारोह: बचपन की यादों में फिर से खो गए साथी

गुजरा जमाना बचपन का, मिले तो खुशनुमा रहा अंदाज

@सुशील तिवारी

1991 से 1999 बैच के स्कूल दोस्तों ने 14 मई को एक भव्य और यादगार गेट टूगेदर का आयोजन किया, जो दिलों को छू लेने वाला रहा। इस मुलाकात का उद्देश्य केवल मिलना-जुलना नहीं, बल्कि पुरानी यादों को फिर से जीना था। जिसकी तैयारी और अरेंजमेंट दीपा पांडे और राजू राजपूत का रहा जो इस समय बिलासपुर में रहते हैं।

इस विशेष आयोजन में सतीश, दिनेश अग्रवाल कल्लू, नवीन सोनी, योगिता, अश्विनी, रामकुमार, सरस्वती, लीना, रेखा, सुभाष, हिनल, राधेश्याम, अचल बैनर्जी, राजू राजपूत, दीपा पांडे, संगीता गुप्ता, अश्विनी और देव सहित कई पुराने मित्र शामिल हुए।

चंदन का तिलक लगाकर गुलाब के फूलों से किया गया स्वागत

दीपा पांडे और राजू राजपूत ने चंदन का टीका लगाकर गुलाब के फूलों से सबका स्वागत कर माहौल को भावनात्मक और आत्मीय बना दिया। यह पल सभी के लिए भाव-विभोर कर देने वाला था। 25 वर्षों बाद एक-दूसरे को देखकर सबकी आंखों में खुशी और पुराने दिनों की चमक साफ झलक रही थी।

संगीत, नृत्य और भावनाओं से भरी शाम

संगीत, डांस और मस्ती से भरी शाम में सतीश चंद्राकर, नवीन सोनी और अचल बैनर्जी ने अपने शानदार गीतों से कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। दोस्ती के गानों ने माहौल को और भी भावुक बना दिया, जिससे कई लोगों की आंखें नम हो गईं।

भावनात्मक पल और विचारों का आदान-प्रदान

अचल बैनर्जी ने अपने विचार साझा करते हुए कहा कि आगे से सभी मिलकर एक-दूसरे की मदद करेंगे और दुख-सुख में साथ निभाएंगे। सुभाष ने कहा कि दोस्ती केवल मिलने तक सीमित न रहे, बल्कि सलाह और सहयोग का माध्यम भी बने।

सरप्राइज गेस्ट: जी पी शर्मा सर

इस आयोजन में सबसे बड़ा सरप्राइज तब मिला जब स्कूल के प्रिय शिक्षक जी पी शर्मा सर भी उपस्थित हुए। उन्हें बुलाए जाने की जानकारी नहीं थी, पर पुराने छात्रों को देखकर उनकी आंखों में भी चमक आ गई। उन्होंने सभी को एक-एक गिफ्ट भेंट कर इस दिन को यादगार बना दिया।

दिल को छू लेने वाली प्रतिक्रियाएं

अश्विनी, जो वर्तमान में एसईसीएल में कार्यरत हैं, ने भावुक होते हुए कहा, “मुझे नहीं पता था कि मेरे इतने सारे दोस्त हैं। मुझे तो लग रहा है जैसे मैं कोई सपना है ।
वहीं दिनेश अग्रवाल कल्लू ने कहा, “काश ये पल यहीं थम जाए और हम फिर से बचपन जी लें।”

रामकुमार कंवर ने कहा वो दिन फिर नहीं आयेंगे। अचल बनर्जी ने भावनात्मक अंदाज में कहा परिवार और रिश्तेदारों के साथ कभी नहीं छोड़ना, दोस्त तो अपने ही होते है ,जिनसे मिलने उत्साह दोगुना हो जाता है ।

सपने जैसा पल बना हकीकत

स्कूल के साथी लीना, संगीता, नीशा, सरस्वती, रेखा, अश्विनी नवीन देव,रामकुमार,हिनल और योगिता ने इस आयोजन को एक सुंदर सपना कहा, जो हकीकत बन गया। सभी ने आयोजन के लिए दीपा पांडे और राजू राजपूत का आभार जताया, जिनकी पहल और मेहनत से यह कार्यक्रम संभव हुआ।

सभी पुराने साथी  विनोबा भावे स्कूल और शासकीय माध्यमिक विद्यालय दीपका के छात्र थे जिन्होंने पुराने यादों को तारों ताजा कर माहौल को  खुशनुमा दिया ।

यह गेट टूगेदर सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं था, बल्कि उन बिछड़े पलों को फिर से जोड़ने का जरिया बना। सभी की आंखों में उम्मीद थी कि यह मिलन अब हर साल दोहराया जाएगा और दोस्ती का यह बंधन और भी मजबूत होगा।

sushil tiwari

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