आवारा कुत्तों की निगरानी का जिम्मा शिक्षकों को मिला, नाराज शिक्षक संघ ने कहा- ‘यह अव्यवहारिक निर्णय’

रायपुर: छत्तीसगढ़ में स्कूल शिक्षकों पर एक और अतिरिक्त जिम्मेदारी डाल दी गई है। लोक शिक्षण संचालनालय ने आदेश जारी करते हुए कहा है कि अब शिक्षक स्कूल परिसर के आसपास घूम रहे आवारा कुत्तों की निगरानी करेंगे और इसकी जानकारी स्थानीय प्रशासन व डॉग कैचर टीम को उपलब्ध कराएंगे। आदेश जारी होते ही प्रदेशभर के शिक्षक संगठनों ने कड़ा विरोध दर्ज कराया है।
प्रत्येक स्कूल में नोडल अधिकारी नियुक्त करने के निर्देश
संचालनालय ने सभी जेडी और डीईओ को निर्देशित किया है कि हर स्कूल में एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाए, जो आवारा कुत्तों की गतिविधियों पर नजर रखेगा। नोडल अधिकारी को यह सुनिश्चित करना होगा कि स्कूल में कुत्तों का प्रवेश न हो और जरूरत पड़ने पर संबंधित विभागों से सहयोग लेकर रोकथाम की व्यवस्था करे।
शिक्षक संघ ने कहा—यह आदेश अव्यावहारिक और बोझ बढ़ाने वाला
शालेय शिक्षक संघ के प्रांताध्यक्ष वीरेंद्र दुबे ने आदेश पर कड़ा ऐतराज जताते हुए कहा कि शिक्षकों पर पहले से ही पढ़ाई के अलावा कई गैर-शैक्षणिक कार्यों का बोझ है। कुत्तों की निगरानी जैसे काम करना न उनकी जिम्मेदारी है, न ही उनकी क्षमता के अनुरूप। उन्होंने इसे पूरी तरह अव्यावहारिक कदम बताते हुए तत्काल आदेश वापस लेने की मांग की।
शिक्षा मंत्री ने दिया आश्वासन—अनावश्यक कामों से मुक्त रहेंगे शिक्षक
शिक्षा मंत्री गजेंद्र यादव ने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि शिक्षकों को जनगणना और SIR जैसे राष्ट्रीय महत्व वाले कार्यों के अलावा किसी अन्य अतिरिक्त गतिविधि में नहीं लगाया जाएगा। उन्होंने बताया कि विभाग इस पर नया आदेश जारी कर रहा है, ताकि शिक्षकों पर अनावश्यक दबाव न पड़े और शिक्षण कार्य सुचारू रूप से चलता रहे।



