वैवाहिक विवाद या पति की मृत्यु के बाद भी पत्नी पति के पेंशन की है पूरी हकदार : हाईकोर्ट

दिल्ली: हाईकोर्ट ने वैवाहिक विवादों के कारण अलग रह रही पत्नी को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा कि केवल वैवाहिक मतभेदों के आधार पर पत्नी को दिवंगत पति की फैमिली पेंशन से वंचित नहीं किया जा सकता। यह फैसला उस मामले में आया है, जहां केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (CAT) ने पहले महिला को पेंशन से इनकार कर दिया था। हाईकोर्ट ने अब CAT के फैसले को खारिज कर दिया है और महिला के पक्ष में निर्णय दिया है।
तलाक न होने तक पत्नी का अधिकार बना रहता है
हाईकोर्ट की जस्टिस नवीन चावला और जस्टिस मधु जैन की बेंच ने साफ कहा कि जब तक पति-पत्नी के बीच कानूनी रूप से तलाक नहीं हो जाता, तब तक पत्नी को मृत पति की फैमिली पेंशन का पूरा अधिकार होता है। कोर्ट ने यह भी कहा कि पेंशन के लिए आवेदन में देरी को आधार बनाकर अधिकार से इनकार नहीं किया जा सकता। महिला ने पहले ही भरण-पोषण का केस दायर कर रखा था, जो यह साबित करता है कि वैवाहिक संबंध पूरी तरह समाप्त नहीं हुए थे।
सरकार को चार महीने में बकाया पेंशन भुगतान का निर्देश
यह मामला तब उठा जब महिला ने 2013 में अपने पति की 2009 में हुई मृत्यु के बाद फैमिली पेंशन की मांग की थी। केंद्र सरकार ने दलील दी थी कि मृतक ने अपने फैमिली मेंबर्स की सूची में पत्नी का नाम नहीं दिया था। लेकिन हाईकोर्ट ने इस आधार को अस्वीकार कर दिया। कोर्ट ने आदेश दिया है कि केंद्र सरकार महिला को चार महीने के भीतर सारी बकाया पेंशन राशि ब्याज सहित दे।



