GST Council meeting: 22 सितंबर से लागू होंगी नई दरें, अब सिर्फ 5% और 18% स्लैब

नई दिल्ली। जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक में अहम निर्णय लिए गए। मंत्री समूह के सभी सुझावों को मंजूरी दी गई है। अब देश में जीएसटी की दरें सिर्फ दो स्लैब—5 और 18 प्रतिशत—में सीमित कर दी जाएंगी। नई दरें 22 सितंबर से लागू होंगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैठक के बाद कहा कि दरों को सरल और व्यावहारिक बनाने पर सभी राज्यों की सहमति बनी है। खास तौर पर रोजमर्रा की कई वस्तुएं सस्ती होंगी।
पीएम मोदी ने फैसले का स्वागत किया
बैठक के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस फैसले को ऐतिहासिक बताया और कहा कि जीएसटी काउंसिल द्वारा केंद्र के प्रस्तावों को स्वीकृति मिलना उपभोक्ताओं और उद्योग जगत दोनों के लिए राहत की बात है।
5 और 18 प्रतिशत स्लैब में शामिल वस्तुएं
एसी और टीवी जैसे इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स अब 18 प्रतिशत जीएसटी के दायरे में आएंगे। वहीं ड्राई फ्रूट्स, अचार, कॉर्न फ्लेक्स, चीनी और शुगर क्यूब्स जैसे उत्पादों पर टैक्स घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है। सीमेंट पर भी अब 18 प्रतिशत जीएसटी लगेगा, जबकि पहले यह 28 प्रतिशत था।
ऑटो सेक्टर को मिली राहत
1200 सीसी तक की कारें और 350 सीसी से कम क्षमता वाली मोटरसाइकिलें अब 18 प्रतिशत स्लैब में आएंगी। हालांकि, मिड-साइज कारों पर टैक्स की दर 40 प्रतिशत तय की गई है।
जरूरी सामान होंगे सस्ते
वित्त मंत्री ने जानकारी दी कि हेयर ऑयल, साबुन, टूथपेस्ट, साइकिल और टेबलवेयर जैसी रोजमर्रा की चीजों पर अब केवल 5 प्रतिशत जीएसटी लगेगा। वहीं, यूएचटी दूध और ब्रेड पर टैक्स शून्य रहेगा।
40 प्रतिशत टैक्स वाले प्रोडक्ट्स
सरकार ने साफ किया कि पान मसाला, सिगरेट, तंबाकू उत्पाद, लग्जरी सामान, कैफीन युक्त पेय और कार्बोनेटेड ड्रिंक्स पर 40 प्रतिशत जीएसटी लगाया जाएगा। तंबाकू से जुड़े उत्पादों पर लगाया गया क्षतिपूर्ति उपकर तब तक जारी रहेगा जब तक केंद्र सरकार द्वारा लिया गया कर्ज पूरी तरह चुका नहीं दिया जाता।
उपभोक्ताओं तक पहुंचेगा फायदा
रेवेन्यू सेक्रेटरी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पहले भी टैक्स कटौती का फायदा उद्योग जगत ने ग्राहकों तक पहुंचाया है और इस बार भी यही उम्मीद की जा रही है। निर्मला सीतारमण ने कहा कि टैरिफ में उतार-चढ़ाव का असर जीएसटी सुधारों पर नहीं पड़ा है क्योंकि इस पर पिछले डेढ़ साल से काम हो रहा है।