Chhattisgarh liquor scam: चैतन्य बघेल की न्यायिक हिरासत बढ़ी, 15 सितंबर तक भेजे गए जेल

रायपुर | छत्तीसगढ़ के चर्चित शराब घोटाले में फंसे पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को एक बार फिर कोर्ट से राहत नहीं मिल सकी। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उन्हें पेश किया, जहां विशेष कोर्ट ने उनकी न्यायिक रिमांड 15 सितंबर तक बढ़ा दी। ये चैतन्य की चौथी पेशी थी।
सुप्रीम कोर्ट का झटका, हाईकोर्ट जाने की सलाह
बघेल परिवार ने सुप्रीम कोर्ट में ईडी और सीबीआई की कार्रवाई को चुनौती देते हुए जमानत याचिका लगाई थी। लेकिन सर्वोच्च अदालत ने सुनवाई से इनकार कर उन्हें छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट का रुख करने को कहा।
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच ने कहा कि अगर पीएमएलए कानून या जांच की वैधता पर सवाल उठाने हैं, तो अलग याचिका दायर करनी होगी। अब इस मामले में 6 अगस्त को अगली सुनवाई तय की गई है।
जन्मदिन पर हुई गिरफ्तारी
18 जुलाई को जब चैतन्य बघेल अपना जन्मदिन मना रहे थे, तभी ईडी की टीम भिलाई स्थित उनके आवास पर पहुंची और उन्हें गिरफ्तार कर लिया। ईडी ने उन पर शराब घोटाले से जुड़े करोड़ों रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल होने का आरोप लगाया है। गिरफ्तारी के बाद उन्हें 5 दिन की रिमांड पर भेजा गया था, जिसे बाद में बढ़ाया गया।
क्या है छत्तीसगढ़ शराब घोटाला?
इस घोटाले में आरोप है कि राज्य में शराब बिक्री से जुड़ी सरकारी व्यवस्था का दुरुपयोग कर भारी मात्रा में अवैध पैसा कमाया गया। कई अधिकारी, कारोबारी और अब राजनीतिक परिवारों के सदस्य भी जांच के घेरे में हैं। ईडी का दावा है कि यह कई सौ करोड़ का घोटाला हो सकता है।



