Anti-Naxal operations: गढ़चिरौली में नक्सल अभियान को बड़ी सफलता, 2 लाख के इनामी माओवादी की हैदराबाद से गिरफ्तारी

Anti-Naxal operations: महाराष्ट्र के नक्सल प्रभावित गढ़चिरौली जिले में सुरक्षा बलों को एक और बड़ी सफलता मिली है। पुलिस ने लंबे समय से फरार चल रहे कुख्यात नक्सली शंकर उर्फ अरुण येर्रा मिच्छा को हैदराबाद से गिरफ्तार कर लिया है। यह गिरफ्तारी 4 सितंबर 2025 को सार्जेंट प्रशांत बोरसे और सी-60 कमांडो दस्ते के नेतृत्व में चलाए गए गुप्त अभियान के तहत की गई। गिरफ्तार नक्सली पर हत्या समेत कई संगीन मामलों में आरोप दर्ज हैं और महाराष्ट्र सरकार ने उस पर 2 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था।
कौन है शंकर मिच्छा?
25 वर्षीय शंकर मिच्छा छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के भोपालपटनम तालुका के बांदेपारा गांव का निवासी है। वह सितंबर 2018 में माओवादी संगठन में शामिल हुआ था। शुरुआत में उसने मद्देड दलम में काम किया और कुछ महीनों बाद उसे महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले में स्थानांतरित कर दिया गया, जहां वह विभिन्न दलमों में सक्रिय रहा।
2018 से 2022 के बीच शंकर ने कुख्यात माओवादी नेता शंकर अन्ना उर्फ असम उर्फ शिवा के अंगरक्षक के रूप में कार्य किया। इस दौरान वह संगठन की सुरक्षा और रणनीतिक गतिविधियों में गहराई से शामिल रहा। इसके बाद 2022 में वह पेरामिली दलम में शामिल हुआ, जो गढ़चिरौली क्षेत्र में माओवादियों की एक प्रमुख इकाई मानी जाती है।
संगठन से अलग होकर छिपा जीवन
2024 में पेरामिली दलम के विघटन के बाद शंकर ने माओवादी संगठन छोड़ दिया और खेती-किसानी के लिए अपने गांव लौट आया। कुछ महीने छत्तीसगढ़ में रहने के बाद वह आंध्र प्रदेश के अनंतपुर और फिर तेलंगाना के हैदराबाद में जाकर छिप गया। वह वहां सामान्य जीवन जी रहा था और अपनी असली पहचान छिपाकर रह रहा था।
गढ़चिरौली पुलिस को उसकी लोकेशन के बारे में गुप्त सूचना मिली, जिसके बाद एक विशेष अभियान चलाकर उसे गिरफ्तार किया गया।
गंभीर अपराधों में शामिल
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, शंकर कई नक्सली गतिविधियों में प्रत्यक्ष रूप से शामिल रहा है। वह चार प्रमुख मुठभेड़ों और एक निर्दोष ग्रामीण की हत्या में मुख्य आरोपी है। इन घटनाओं में उसने हथियार चलाए और पुलिस बलों पर हमले किए।
मुठभेड़ें:
2020: येदरमी जंगल क्षेत्र में पुलिस के साथ मुठभेड़
2021: मडवेली जंगल में गोलीबारी
2023: वेदमपल्ली जंगल में मुठभेड़
2024: चितवेली जंगल क्षेत्र में माओवादियों और पुलिस के बीच झड़प
हत्या:
नवंबर 2023 में मौजा कपेवंचा गांव के रामजी चिन्ना आत्राम नामक एक निर्दोष ग्रामीण की हत्या। उसे माओवादी ‘जन अदालत’ में पुलिस का मुखबिर बताकर मौत के घाट उतारा गया था। शंकर इस हत्या का मुख्य आरोपी है।
कानूनी कार्रवाई
शंकर पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 302 (हत्या), 147, 148, 149, 120(बी) (षड्यंत्र), और आर्म्स एक्ट की धारा 3 और 27 के तहत मामला दर्ज किया गया है। उसे गढ़चिरौली लाकर अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे चार दिनों की पुलिस हिरासत में भेजा गया है। पुलिस अब उससे संगठन के अन्य सदस्यों, छिपे हुए हथियारों और भविष्य की योजनाओं के बारे में पूछताछ कर रही है।
माओवादी नेटवर्क पर लगातार प्रहार
गढ़चिरौली पुलिस ने जनवरी 2022 से अब तक 108 माओवादियों को गिरफ्तार किया है। मर्दिनटोला और पैड़ी जैसी मुठभेड़ों में कई माओवादी मारे गए, जिससे संगठन की शक्ति लगातार कमजोर हो रही है। शंकर की गिरफ्तारी इस कड़ी में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि मानी जा रही है।