फर्जी इलाज का मामला उजागर: श्री गोविंद हॉस्पिटल आयुष्मान योजना से एक वर्ष के लिए निलंबित, आठ अन्य अस्पताल पर भी कार्रवाई

फर्जी इलाज और गलत पैकेज क्लेम के गंभीर आरोपों के बाद बांसटाल स्थित श्री गोविंद हॉस्पिटल को आयुष्मान भारत योजना से एक साल के लिए निलंबित कर दिया गया है। शिकायतों के अनुसार, पेट दर्द की शिकायत लेकर आई महिला को हार्निया बताकर गलत तरीके से उपचार किया गया था।
लगातार मिल रही शिकायतों के आधार पर अस्पताल द्वारा किए गए करीब 150 क्लेम की जांच शुरू की गई है। विभाग ने अस्पताल के खिलाफ मिली अनियमितताओं को गंभीर मानते हुए इसे बंद करने की भी सिफारिश की है। इसके साथ ही आठ अन्य अस्पतालों पर भी 3-3 महीने का निलंबन लगाया गया है।
जांच में सामने आए फर्जीवाड़े
सूत्रों के मुताबिक, आयुष्मान योजना की राष्ट्रीय फ्रॉड जांच टीम को अस्पताल में अनियमित गतिविधियों की जानकारी मिली थी। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग की स्थानीय टीम ने अस्पताल में छापेमारी की।
जांच में सामने आए प्रमुख मामले—
सामान्य मरीजों को गंभीर दिखाकर गलत पैकेज लगाए गए
हार्निया के झूठे उपचार के दावे
फर्जी सोनोग्राफी रिपोर्ट जमा की गई
महंगे पैकेज बनाकर क्लेम का दुरुपयोग
अस्पताल प्रबंधन उचित जवाब नहीं दे पाया, जिसके बाद सभी संदेहास्पद पैकेज क्लेम को होल्ड कर विस्तृत जांच शुरू कर दी गई।
आठ अन्य अस्पताल भी निलंबित
फर्जीवाड़े और अनियमितताओं की शिकायतों पर इन अस्पतालों को 3 महीने के लिए निलंबित किया गया है—
वरदान हॉस्पिटल, शंकर नगर
जौहरी सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल, भाठागांव
न्यू रायपुरा हॉस्पिटल, महादेवघाट रोड
सौभाग्य हॉस्पिटल, खमतराई
सिद्धि विनायक हॉस्पिटल, उरकुरा
शिवम हॉस्पिटल, कुशालपुर
लक्ष्मी हॉस्पिटल एंड मैटरनिटी होम, आरंग
राष्ट्रीय टीम की कड़ी निगरानी
आयुष्मान भारत स्वास्थ्य सहायता योजना में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय टीमें मिलकर निगरानी कर रही हैं। उनके द्वारा मिले इनपुट के आधार पर समय-समय पर अस्पतालों में जांच की जा रही है।
आयुष्मान योजना के जिला नोडल अधिकारी डॉ. अविनाश चतुर्वेदी ने बताया कि जांच में कई गंभीर अनियमितताएं मिली हैं, जिन पर सख्त कार्रवाई जरूरी थी।



