छत्तीसगढ़ में सौर ऊर्जा क्रांति: सीएम साय ने सूर्य रथ को दिखाई हरी झंडी, 618 उपभोक्ताओं को मिली सब्सिडी

रायपुर: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय सोमवार को राजधानी रायपुर के पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में आयोजित सौर ऊर्जा जागरूकता एवं प्रोत्साहन अभियान में शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने प्रदेश में सौर ऊर्जा के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि अब प्रदेश के उपभोक्ता सिर्फ ऊर्जा ग्रहण करने वाले नहीं, बल्कि ऊर्जा उत्पादक भी बन रहे हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना को प्रदेश में स्वच्छ ऊर्जा के लक्ष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल बताया।
मुख्यमंत्री ने सूर्य रथ को दिखाई हरी झंडी
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम की शुरुआत सूर्य रथ को हरी झंडी दिखाकर की, जिसका उद्देश्य लोगों को सौर ऊर्जा के लाभ, योजना के तहत मिलने वाली सब्सिडी और मुफ्त बिजली के विषय में जागरूक करना था। इस दौरान उन्होंने 618 उपभोक्ताओं के खातों में प्रत्येक को 30 हजार रुपये की दर से कुल 1.85 करोड़ रुपये की सब्सिडी ऑनलाइन ट्रांसफर की। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन और बढ़ता प्रदूषण सभी के लिए चिंता का विषय है, और छत्तीसगढ़ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा निर्धारित 2070 तक नेट-जीरो कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य को पाने के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ काम कर रहा है।
अब हाफ नहीं, छत्तीसगढ़ में पूरी तरह मुफ्त होगी बिजली
सीएम साय ने कहा कि प्रदेश में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देते हुए अब हाफ बिजली बिल से आगे बढ़कर मुफ्त बिजली की ओर कदम बढ़ाए जा रहे हैं। उन्होंने प्रदेशवासियों से अपील की कि वे इस योजना से जुड़ें और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करें ताकि स्वच्छ ऊर्जा का प्रसार हो सके। उन्होंने बताया कि केंद्र और राज्य सरकार मिलकर उपभोक्ताओं को सब्सिडी उपलब्ध करवा रही हैं और आसान वित्तीय सहायता भी प्रदान की जा रही है।
सौर ऊर्जा का उत्पादन कर अपनी बिजली बेच सकते हैं
उन्होंने आगे बताया कि प्रधानमंत्री कुसुम योजना के तहत लाभार्थियों को आज लेटर ऑफ अवार्ड भी प्रदान किए गए, जिनसे वे सौर ऊर्जा का उत्पादन कर अपनी बिजली बेच सकते हैं और सस्ती बिजली का लाभ उठा सकते हैं। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में 30,000 मेगावाट बिजली उत्पादन की उपलब्धि का जिक्र करते हुए कहा कि 2014 में जहां बिजली उत्पादन क्षमता केवल 1,400 मेगावाट थी, वहीं आज यह आंकड़ा 30,000 मेगावाट तक पहुंच चुका है।



