Naxalites surrender news: नारायणपुर में 16 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण, बोले – ‘माओवादी आदिवासियों के असली दुश्मन’

नारायणपुर: जिले से बड़ी खबर सामने आई है जहां 16 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर समाज की मुख्यधारा में लौटने की घोषणा की है। सुरक्षाबलों की लगातार कार्रवाई और विश्वास-निर्माण प्रयासों के चलते यह संभव हो पाया है।
नक्सलियों का बड़ा खुलासा: माओवादी कर रहे थे आदिवासियों का शोषण
आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों ने कहा कि शीर्ष माओवादी नेता ही आदिवासियों के सबसे बड़े दुश्मन हैं। वे “समानता और न्याय” का झूठा सपना दिखाकर बस्तर के भोले-भाले लोगों को गुलाम बना देते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि माओवादी संगठन में विशेषकर महिला नक्सलियों का शारीरिक और मानसिक शोषण आम बात है।
स्लीपर सेल की तरह करते थे काम
ये नक्सली लड़ाई में सीधे भाग न लेते हुए भी नक्सल आंदोलन को भीतर से मज़बूत करने का काम करते थे। वे राशन, दवाइयां, हथियारों की ढुलाई, फोर्स की मूवमेंट की जानकारी देना, रेकी करना, और कभी-कभी IED लगाने जैसे कार्यों में जुटे रहते थे। इस प्रकार, वे स्लीपर सेल की भूमिका निभाते थे।
प्रोत्साहन राशि और पुनर्वास की व्यवस्था
आत्मसमर्पण करने वाले सभी नक्सलियों को ₹50,000 की प्रोत्साहन राशि का चेक प्रदान किया गया। साथ ही, उन्हें राज्य सरकार की नक्सल उन्मूलन नीति के तहत पुनर्वास और आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। वर्ष 2025 में अब तक 164 नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं, जो एक सकारात्मक संकेत है।
महिला नक्सलियों की स्थिति बेहद दयनीय
कुछ महिला नक्सलियों ने बताया कि संगठन में उनके साथ व्यक्तिगत दासी जैसा व्यवहार किया जाता है। उन्हें शहरों और विदेशों में बसाने के झूठे सपने दिखाकर संगठन में शामिल किया जाता है, और फिर उनका हर स्तर पर शोषण किया जाता है।
एसपी ने दी मुख्यधारा में लौटने की अपील
नारायणपुर एसपी रोबिनसन गुरिया ने सभी नक्सलियों से अपील की कि वे माओवादी विचारधारा को त्यागकर शासन की आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति को अपनाएं। उन्होंने कहा “अबूझमाड़ जैसे दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाले आदिवासियों को माओवादी विचारधारा से बचाना ही हमारा लक्ष्य है, ताकि शांति और विकास का मार्ग प्रशस्त हो सके।”