छत्तीसगढ़

8 लाख की इनामी महिला नक्सली जानसी ने किया सरेंडर, बताई नक्सल संगठन की सच्चाई

गरियाबंद: ज़िले में नक्सल विरोधी अभियानों की सफलता एक बार फिर सामने आई है। महाराष्ट्र निवासी और 8 लाख की इनामी महिला नक्सली जानसी ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है। जानसी का माओवादी संगठन से करीब दो दशकों का जुड़ाव रहा है।

2005 में की थी शुरुआत, बनी थी एरिया कमेटी की सचिव

जानसी ने 2005 में जनमिलिशिया सदस्य के तौर पर नक्सली संगठन में प्रवेश किया था। 2006 में माओवादी कमांडर रनिता द्वारा उसे संगठन में भर्ती किया गया। इसके बाद उसने विभिन्न जिम्मेदारियों को निभाया, जिनमें शामिल हैं:

2007: माओवादी गार्ड

2008–2011: प्रेस संबंधी कार्य

2014–2022: नगरी एरिया कमेटी की कमांडर

2022 से अब तक: नगरी एरिया कमेटी की सचिव

संगठन की हकीकत: हत्या, वसूली और शोषण

जानसी ने आत्मसमर्पण के बाद बताया कि माओवादी संगठन अब अपने मूल विचारों से पूरी तरह भटक चुका है। “आज यह संगठन निर्दोष ग्रामीणों की हत्या, विकास कार्यों में बाधा, ठेकेदारों से अवैध वसूली और युवाओं की जबरन भर्ती का अड्डा बन गया है। बड़े कैडर निचले स्तर के कार्यकर्ताओं का शोषण करते हैं और स्थानीय लोगों को सरकार के खिलाफ भड़काते हैं।”

पति की मौत से टूटी, नए जीवन के लिए तैयार

जानसी ने 2011 में माओवादी डीव्हीसीएम सत्यम गावड़े से विवाह किया था, जो बाद में एक मुठभेड़ में मारा गया। पति की मौत के बाद वह मानसिक रूप से टूट गई। जंगल की कठिन जिंदगी और आत्मसमर्पण करने वाले साथियों की बदली हुई जिंदगी को देखकर उसने मुख्यधारा में लौटने का फैसला लिया।

सरेंडर नीति बनी प्रेरणा, सुकमा पुलिस से मिली मदद:

जानसी ने बताया कि समाचार पत्रों, पुलिस पोस्टर्स और पंपलेट्स के माध्यम से उसे आत्मसमर्पण नीति की जानकारी मिली। “आयतु, संजय, मल्लेश जैसे कई पूर्व माओवादी साथी अब आत्मसमर्पण कर सामान्य जीवन जी रहे हैं। मैं भी अब अपने परिवार के साथ सम्मानजनक और सुरक्षित जीवन शुरू करना चाहती हूं।”

 

Ashok Kumar Sahu

Editor, cgnewstime.com

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