अमित शाह 4 अक्टूबर को आएंगे जगदलपुर, बस्तर दशहरा के मुरिया दरबार में होंगे शामिल

जगदलपुर। ऐतिहासिक बस्तर दशहरा के खास मौके पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 4 अक्टूबर को जगदलपुर का दौरा करेंगे। शाह को बस्तर दशहरा के पारंपरिक आयोजन ‘मुरिया दरबार’ में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है। उन्होंने खुद इसकी जानकारी X (पूर्व ट्विटर) पर साझा करते हुए बस्तर की शांति और संस्कृति की सराहना की।
अमित शाह ने अपने पोस्ट में लिखा:
“नक्सलवाद से मुक्त होकर शांति की ओर बढ़ते बस्तर में पर्व-त्योहार पूरे उल्लास के साथ मनाए जा रहे हैं। 75 दिनों तक चलने वाला बस्तर दशहरा आदिवासी संस्कृति की अनूठी मिसाल है। मुझे मुरिया दरबार में शामिल होने का निमंत्रण मिला है और मैं इसमें शामिल होने को लेकर उत्साहित हूं।”
प्रधानमंत्री को भी भेजा गया है न्योता
बस्तर सांसद महेश कश्यप द्वारा अमित शाह को इस आयोजन का निमंत्रण दिया गया था। उन्होंने बताया कि बस्तर दशहरा सिर्फ धार्मिक नहीं, बल्कि एक सामाजिक और प्रशासनिक संवाद का भी माध्यम है, जिसकी परंपरा राजशाही काल से चली आ रही है।
इस बार मुरिया दरबार में अमित शाह के साथ-साथ मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, राज्य के मंत्रीगण, सांसद और विधायक भी उपस्थित रहेंगे। वहीं बस्तर दशहरा समिति ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी आमंत्रण भेजा है।
क्या है मुरिया दरबार?
मुरिया दरबार, बस्तर दशहरा का एक विशेष हिस्सा है, जिसमें आदिवासी समाज के प्रतिनिधि—मांझी-चलाक—अपनी समस्याएं और सुझाव स्थानीय प्रशासन के सामने रखते हैं। यह परंपरा लोकतंत्र और जनसंपर्क का एक अनोखा उदाहरण है।
75 दिनों तक चलने वाला पर्व
बस्तर दशहरा को दुनिया के सबसे लंबे त्योहारों में गिना जाता है। इसकी शुरुआत 13वीं सदी में राजा पुरुषोत्तम देव ने की थी। देवी दंतेश्वरी इस पर्व की आराध्य देवी हैं। पर्व के दौरान पाट जात्रा (रथ यात्रा) और देवी-देवताओं का मिलन जैसे आयोजन इसे अद्वितीय बनाते हैं।