Encounter in Abujhmad: एक नक्सली मारा गया, सुरक्षाबलों और माओवादियों के बीच गोलीबारी जारी

नारायणपुर: महाराष्ट्र सीमा से लगे अबूझमाड़ के घने जंगलों में सोमवार को सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई। इस दौरान एक नक्सली को मार गिराया गया है। पुलिस ने बताया कि इलाके में माओवादियों की सक्रियता की सूचना मिलने के बाद ऑपरेशन शुरू किया गया था। घटनास्थल पर अभी भी रुक-रुक कर फायरिंग हो रही है और सर्च ऑपरेशन जारी है।
महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ सीमा पर भिड़ंत
नारायणपुर के पुलिस अधीक्षक रॉबिनसन गुड़िया ने मुठभेड़ की पुष्टि करते हुए बताया कि यह कार्रवाई अबूझमाड़ क्षेत्र में की गई, जो कि महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ की सीमा पर स्थित है। उन्होंने बताया कि अब तक एक पुरुष नक्सली का शव हथियारों के साथ बरामद किया गया है।
लगातार चल रही गोलीबारी
पुलिस के अनुसार, पिछले कुछ दिनों से सुरक्षाबलों को इस इलाके में नक्सलियों की बड़ी मूवमेंट की जानकारी मिल रही थी। इसके बाद नारायणपुर पुलिस और अन्य सुरक्षाबलों की दो टीमें क्षेत्र में रवाना की गईं। सोमवार सुबह मूसफर्शी जंगल में नक्सलियों की मौजूदगी के बाद उन्हें घेरा गया, जिसके बाद दोनों पक्षों के बीच भारी गोलीबारी शुरू हो गई।
एक माओवादी ढेर, हथियार जब्त
अब तक की कार्रवाई में एक नक्सली को मार गिराया गया है और उसके पास से हथियार बरामद किए गए हैं। मुठभेड़ स्थल पर सर्चिंग अभियान लगातार जारी है और सुरक्षा एजेंसियों को और भी नक्सलियों के छिपे होने की आशंका है। पुलिस का कहना है कि ऑपरेशन के खत्म होने के बाद पूरे घटनाक्रम की विस्तृत जानकारी साझा की जाएगी।
हाल के अन्य प्रमुख नक्सल मुठभेड़:
18 सितंबर 2025: बीजापुर में 2 इनामी नक्सली ढेर
18 सितंबर 2025: सुकमा में 5 लाख की इनामी महिला नक्सली मारी गई
13 सितंबर 2025: गरियाबंद में 1 करोड़ के इनामी सहित 10 नक्सली ढेर
10 सितंबर 2025: कांकेर में मुठभेड़, 1 माओवादी मारा गया
5 सितंबर 2025: नारायणपुर-दंतेवाड़ा बॉर्डर पर नक्सली का शव बरामद
13 अगस्त 2025: राजनांदगांव में स्पेशल जोनल कमेटी सदस्य और सचिव ढेर
7 जून 2025: 5 नक्सलियों के शव बरामद
21 मई 2025: बीजापुर में कमांडर बसवराजू समेत 28 नक्सली मारे गए
15 मई 2025: कर्रेगुट्टा में 31 नक्सली ढेर
20-21 जनवरी 2025: गरियाबंद में 16 नक्सली मारे गए
4 अक्टूबर 2024: अबूझमाड़ में 38 नक्सली ढेर
16 अप्रैल 2024: कांकेर में 29 नक्सलियों का खात्मा
इन मुठभेड़ों से स्पष्ट होता है कि छत्तीसगढ़ का नक्सल प्रभावित क्षेत्र लगातार सुरक्षा बलों के लिए चुनौती बना हुआ है, हालांकि बीते कुछ महीनों में सुरक्षाबलों की सक्रियता और रणनीति से कई बड़े ऑपरेशन सफल रहे हैं।