राशन में बंटा फफूंद लगा चावल: उपभोक्ताओं ने जताई नाराज़गी, प्रशासन ने लिया एक्शन

राजनांदगांव। नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा वितरित किए गए चावल को लेकर जिले में हड़कंप मच गया है। सोमवार को वेयरहाउस से लगभग 1000 क्विंटल चावल राशन दुकानों तक पहुंचाया गया, लेकिन जब उपभोक्ताओं को यह चावल वितरण के लिए दिया गया, तो उन्होंने उसकी खराब गुणवत्ता के चलते लेने से इनकार कर दिया।
शिकायत मिलते ही हरकत में आया खाद्य विभाग
राशन दुकानदारों ने चावल की स्थिति को लेकर खाद्य विभाग को सूचित किया। इसके बाद विभाग की ओर से तत्काल जांच करवाई गई, जिसमें यह स्पष्ट हुआ कि चावल में फफूंद लगी हुई है और वह खाने योग्य नहीं है। इस रिपोर्ट के सामने आते ही नागरिक आपूर्ति निगम ने फौरन सभी दुकानों से खराब चावल को वापस मंगवाने की प्रक्रिया शुरू कर दी।
क्वालिटी चेक में चूक, अब सवालों के घेरे में अधिकारी
राइस मिलर्स से आने वाले चावल की गुणवत्ता की जांच की जिम्मेदारी क्वालिटी कंट्रोल अधिकारियों की होती है। चावल को वेयरहाउस में स्टॉक करने से पहले उसकी बारीकी से जांच होनी चाहिए, लेकिन इस मामले में गुणवत्ता परीक्षण में गंभीर लापरवाही सामने आई है।
जांच टीम ने पकड़ी गड़बड़ी, रिपोर्ट कलेक्टर को सौंपी
खाद्य नियंत्रक के निर्देश पर सहायक खाद्य नियंत्रक दिव्या गौतम की अगुवाई में एक विशेष टीम गठित की गई। टीम ने मौके पर जाकर विभिन्न राशन दुकानों में चावल की स्थिति की जांच की और पाया कि 500 क्विंटल से अधिक चावल फफूंद युक्त है। जांच रिपोर्ट को कलेक्टर हरीश एस के पास भेजा गया, जिन्होंने जिले की सभी राशन दुकानों में गुणवत्ता परीक्षण के निर्देश जारी किए हैं।
बारिश में ढंग से ढका नहीं गया गोदाम
निगम के जिला प्रबंधक श्री मक्कड़ ने बताया कि चावल की गुणवत्ता मूल रूप से खराब नहीं थी, लेकिन हालिया बारिश के दौरान वेयरहाउस में उचित कवरिंग न होने के कारण चावल के कुछ पैकेटों में नमी आ गई, जिससे फफूंद पनप गई। उन्होंने यह भी कहा कि संबंधित स्टॉक को वापस मंगवा लिया गया है और भविष्य में ऐसी गलती न हो, इसके लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे।