शिक्षकों के ऑनलाइन अटेंडेंस सिस्टम पर बवाल: हेड मास्टर ने DEO को भेजा आपत्तिपूर्ण पत्र, कहा — दबाव बढ़ा तो हाईकोर्ट जाएंगे

रायपुर: शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षकों की उपस्थिति दर्ज करने के लिए लॉन्च किए गए VSK (विद्या समीक्षा केंद्र) मोबाइल ऐप को लेकर अब शिक्षक संगठनों और शिक्षकों के बीच गहरा विवाद सामने आया है। इस विवाद की शरुआत बेमेतरा जिले के केछवई हेड मास्टर कमलेश सिंह बिसेन द्वारा DEO को लिखे पत्र से हुई, जो बाद में वायरल हो गया। इस पत्र में उन्होंने ऐप उपयोग पर कई चिंताएँ उठाई हैं और अगर दबाव बढ़ा तो हाईकोर्ट की शरण लेने की चेतावनी दी है।
निजी डेटा, साइबर फ्रॉड और दबाव पर सवाल
हेड मास्टर ने पत्र में आरोप लगाया है कि विभाग ने बिना किसी वैकल्पिक व्यवस्था के VSK ऐप का उपयोग करने का आदेश दिया, जिसे उन्हें अपने निजी मोबाइल में डाउनलोड करना होगा। इसके माध्यम से बैंक विवरण, फोटो, वीडियो आदि संवेदनशील जानकारी ऐप में संग्रहीत होगी। उन्होंने पूछा है:
अगर ऐप से निजता का उल्लंघन या साइबर फ्रॉड होता है, तो ज़िम्मेदार कौन होगा?
क्या सेवा नियमावली में निजी मोबाइल पर सरकारी ऐप उपयोग करने का कोई प्रावधान है?
उनके पास पहले से ही कई अन्य सरकारी ऐप्स (PM POSHAN, निष्ठा, UDSSE, दीक्षा) हैं, जिससे भार बढ़ गया है।
उनका यह भी तर्क है कि उनका मोबाइल उनकी निजी संपत्ति है, जिसे उन्होंने अपनी लागत पर खरीदा और उसे रिचार्ज कराया है — इसे सरकारी कार्यों के लिए इस्तेमाल करना उचित नहीं।
दबाव पर कानूनी कार्रवाई की चेतावनी
कमलेश सिंह ने स्पष्ट कहा है कि अगर विभाग उनकी शिकायतों का समाधान नहीं करेगा, तो वह VSK ऐप का उपयोग बंद रखेंगे। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि यदि उन पर इस ऐप के उपयोग को लेकर दबाव डाला गया, तो वे हाईकोर्ट में याचिका दायर करने को बाध्य होंगे, और इसके लिए जिम्मेदारी विभाग की होगी।
शिक्षकों और संगठनों से मिला समर्थन
शिक्षक संगठनों ने कमलेश सिंह के कदम का समर्थन किया है। उनका कहना है कि यदि विभाग पहले इंटरनेट, लैपटॉप और कंप्यूटर जैसे संसाधन उपलब्ध कराये, तब ही इस तरह के आदेश दिए जाने चाहिए। उन्हें यह ऐप प्रणाली शिक्षकों के अधिकारों का हनन प्रतीत हो रही है।