कोरबा

गेवरा नेहरू शताब्दी अस्पताल में पैरामेडिकल स्टाफ की भारी कमी : 100 बेड का अस्पताल, मरीजों को मिल रहे सिर्फ 24 बेड

गेवरा क्षेत्रीय इकाई अध्यक्ष यश जायसवाल ने CMD को लिखा पत्र

@SUSHIL TIWARI

SECL गेवरा स्थित NCH अस्पताल में पैरामेडिकल स्टाफ की कमी से जूझ रहा है । मजदूर सभा गेवरा ने नेहरू शताब्दी अस्पताल की खस्ताहाल व्यवस्था पर कड़ा विरोध जताया है।
गेवरा क्षेत्रीय इकाई के अध्यक्ष यश जायसवाल ने एसईसीएल प्रबंधन को भेजे पत्र में कहा है कि 100 बेड क्षमता वाले इस अस्पताल में मरीजों के लिए सिर्फ 24 बेड ही उपलब्ध हैं। इससे गंभीर बीमार मरीजों को भर्ती कराने में दिक्कत हो रही है।

उन्होंने बताया कि अस्पताल में पैरामेडिकल स्टाफ, नर्सिंग स्टाफ और तकनीकी कर्मचारियों की भारी कमी है। इसके चलते इलाज कराने पहुंचे श्रमिक और उनके परिजन रोजाना परेशानियों का सामना कर रहे हैं।

यश गगन जायसवाल ने प्रबंधन को अवगत कराया कि बार-बार ध्यानाकर्षण कराने के बावजूद कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है जिसके कारण श्रमिकों और उनके परिवारों को इलाज के लिए निजी अस्पतालों का रुख करना पड़ रहा है।

उन्होंने मांग की है कि अस्पताल की मूलभूत सुविधाओं को दुरुस्त कर तुरंत डॉक्टरों, नर्सों और पैरामेडिकल स्टाफ की नियुक्ति की जाए। और साथ ही कोल इंडिया के अंतर्गत ईसीएल प्रबंधन इस मामले में सराहनीय कदम उठाया और जो पैरामेडिकल स्टाफ रिटायर हो गए हैं उन्हीं को संविदा नियुक्ति पर रख रही है जिससे अस्पताल स्टाफ की कमी पूरी हो रही है। एस ई सीएल प्रबंधन को भी उसी तहत पैरामेडिकल स्टाफ की भर्ती करना चाहिए जिससे पैरामेडिकल स्टाफ की कमी दूर हो सके अन्यथा संगठन आंदोलन करने को मजबूर होगा।

श्रमिक नेता यश गगन जायसवाल ने पत्र की प्रतिलिपि निदेशक मानव संसाधन मुख्यालय बिलासपुर और प्रमुख चिकित्सा सेवाएं बिलासपुर को भी प्रेषित की है।

नेहरू शताब्दी अस्पताल की प्रमुख समस्याएं

100 बेड क्षमता, पर मरीजों को मिल रहे केवल 24 बेड

डॉक्टरों और विशेषज्ञों की कमी

पैरामेडिकल और नर्सिंग स्टाफ की भारी कमी

तकनीकी कर्मचारियों की अनुपलब्धता

श्रमिकों व परिजनों को इलाज में हो रही गंभीर दिक्कतें

पैरामेडिकल और नर्सिंग स्टाफ की कमी से मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़-रेशम लाल यादव

हिंद मजदूर सभा कोल फेडरेशन के अध्यक्ष रेशम लाल यादव ने कहा कि गेवरा का नेहरू शताब्दी अस्पताल श्रमिकों और उनके परिवारों के स्वास्थ्य के लिए एक मात्र आईएसओ सर्टिफाइड अस्पताल है जहां दीपका गेवरा के अलावा कुसमुंडा, बांकीमोगरा, सुराकछार से आए मजदूरों का इलाज होता है लेकिन यहां के मौजूदा हालात देखकर दुख होता है कि 100 बेड का अस्पताल सिर्फ 24 बेड पर सिमट गया है। पैरामेडिकल और नर्सिंग स्टाफ की कमी से मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़ हो रहा है। यदि जल्द ही एसईसीएल प्रबंधन ने ठोस कदम नहीं उठाए तो हम मजदूर संगठन आंदोलन के लिए बाध्य होगा।

sushil tiwari

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!