
नवरात्रि के पावन अवसर पर दुर्गा अष्टमी का विशेष महत्व है। इस साल दुर्गा अष्टमी 29 सितंबर, सोमवार को पड़ रही है। इस दिन रात में निशा पूजन और रात्रि जागरण का विशेष आयोजन होता है। मान्यता है कि इस समय की गई पूजा से भक्त की मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में विशेष सिद्धि का लाभ मिलता है।
मां कात्यायनी पूजा और संतान दीर्घायु हेतु षष्ठी व्रत
शहर नवरात्रि की भक्ति भावना से सराबोर है। घरों और मंदिरों में दुर्गासप्तशती के पाठ और आराधना का क्रम जारी है। शनिवार को मां स्कंदमाता की पूजा की गई, जबकि रविवार को मां कात्यायनी की पूजा का विशेष महत्व है। तिलकामांझी महावीर मंदिर के पंडित आनंद झा ने बताया कि मां कात्यायनी की पूजा से धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष सभी पुरुषार्थों की प्राप्ति होती है।
नवरात्रि की महत्वपूर्ण तिथियां और पूजन विधान
मां कात्यायनी पूजा, बिल्वाभिमंत्रणम् एवं गज पूजा – 28 सितंबर, रविवार
मां कालरात्रि पूजा, नवपत्रिका प्रवेश – 28 सितंबर, पूर्वाह्न
दुर्गा अष्टमी, निशा पूजा एवं रात्रि जागरण – 29 सितंबर, सोमवार
महाअष्टमी व्रत एवं डलिया/खोइछा अर्पण – 30 सितंबर, मंगलवार
मां सिद्धिदात्री पूजा, महानवमी – 1 अक्टूबर, बुधवार
मां महागौरी पूजा, विजयादशमी – 2 अक्टूबर, गुरुवार
बंगला विधि से हुई प्रतिमा स्थापना
कालीबाड़ी और दुर्गाबाड़ी में शनिवार शाम बंगाली परंपरा के अनुसार प्रतिमा स्थापना की गई। शंख, घंटे और ढाक की ध्वनि से माहौल भक्तिमय रहा। कालीबाड़ी में प्रधान पंडित देवाशीष मुखर्जी और पंडित राजनारायण मुखर्जी ने पूजा कराई, वहीं दुर्गाबाड़ी में पंडित गोपीनाथ चटर्जी ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ स्थापना संपन्न की।
रविवार को षष्ठी व्रत और बच्चों की गतिविधियां
रविवार को बंगाली समाज की महिलाएं संतान दीर्घायु के लिए षष्ठी व्रत रखेंगी। दुर्गाबाड़ी में बच्चों के लिए गरबा नृत्य और फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। शाम में पंडित सुनील मिश्रा द्वारा भजन और गजल संध्या का आयोजन भी किया जाएगा।
शहर और गांव में भक्ति का माहौल
बूढ़ानाथ मंदिर में शहनाई वादन जारी है। शहर के अन्य मंदिरों जैसे आदमपुर, हडियापट्टी, मोहद्दीनगर, मिरजानहाट, मुंदीचक, मंदरोजा, लहेरीटोला, हाउसिंग बोर्ड, जिछो, मानिकपुर, तिलकामांझी आदि में सुबह-शाम महिलाओं की आरती और वंदन के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ रही है।



