दशहरे पर नक्सलियों का बड़ा सरेंडर: 103 माओवादियों ने छोड़े हथियार, 1 करोड़ से अधिक का था इन पर इनाम

छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में दशहरे के पावन अवसर पर नक्सल विरोधी अभियान को बड़ी सफलता मिली है। 103 सक्रिय नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर समाज की मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया है। यह अब तक का राज्य में सबसे बड़ा सामूहिक सरेंडर माना जा रहा है। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों पर कुल मिलाकर 1 करोड़ 6 लाख रुपये का इनाम घोषित था।
आत्मसमर्पण में शामिल हैं बड़े पदों के नक्सली
इनमें कई वरिष्ठ माओवादी नेता शामिल हैं, जैसे DVCM, ACM, कंपनी सदस्य, DAKMS और मिलिशिया के सक्रिय सदस्य। अकेले 30 नक्सलियों ने DIG CRPF और बीजापुर के एसपी के सामने आत्मसमर्पण किया। इन 30 नक्सलियों पर 81 लाख रुपये का इनाम था।
अधिकारियों का कहना है कि यह सब राज्य सरकार की प्रभावी पुनर्वास नीति और सुरक्षा बलों के दबाव का परिणाम है, जिससे नक्सली आत्मसमर्पण करने को मजबूर हो रहे हैं।
तिरंगा फहराने पर नक्सलियों ने की युवक की हत्या
दूसरी ओर, देशभक्ति की मिसाल बने महेश नरेटी को अपनी बहादुरी की कीमत जान देकर चुकानी पड़ी। 15 अगस्त के दिन उसने माओवादियों के स्मारक स्थल पर तिरंगा फहराया और देशभक्ति के नारे लगाए। इससे नाराज़ माओवादियों ने उसकी बेरहमी से हत्या कर दी। हत्या के बाद नक्सलियों ने बैनर लगाकर इसे मुखबिरी का बदला बताया।



