हाथियों का तांडव: 200 एकड़ फसल बर्बाद, ग्रामीणों ने छतों पर बनाया आशियाना

गरियाबंद: मैनपुर विकासखंड के कई गांव इन दिनों हाथियों के आतंक से बुरी तरह प्रभावित हैं। हालत इतनी गंभीर हो गई है कि ग्रामीण अब अपनी जान बचाने के लिए मकानों की छतों पर तंबू और मचान बनाकर रहने को मजबूर हो गए हैं। बीते एक महीने से 22 से 25 हाथियों का झुंड लगातार मैनपुर वन परिक्षेत्र के गांवों में उत्पात मचा रहा है, जिससे ग्रामीणों का जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो गया है।
खेतों की फसल तबाह, घरों को पहुंचा नुकसान
इस हाथी दल ने अब तक लगभग 200 एकड़ से अधिक क्षेत्र में फैली धान, मक्का, दलहन और तिलहन की फसल को नष्ट कर दिया है। वहीं, कच्चे मकानों और झोपड़ियों को भी तोड़फोड़ कर भारी नुकसान पहुंचाया है।
इन गांवों में मचा है आतंक
हाथियों का दल मैनपुर के छिन्दौला, लूठापारा, धोबीपारा, दबनई, फरसरा, लेडीबहार, गिरहोला, सिंहार, जिडार, बोडापाला, बेगरपाला, धवलपुर, तुपेंगा, जरण्डी सहित कई गांवों के आसपास नेशनल हाईवे 130 सी के किनारे डेरा डाले हुए है। दिनभर जंगल में रहने वाले ये हाथी शाम होते ही गांवों की ओर रुख करते हैं और फसलों के साथ ही घरों को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं।
अधूरे प्रधानमंत्री आवास और मचान में गुजरती रातें
क्षेत्र के कई प्रधानमंत्री आवास अभी अधूरे हैं। ऐसे में जिनके पास पक्के मकान नहीं हैं, वे दूसरों के मकानों की छत पर पॉलीथिन और लकड़ियों से बनी मचान में बच्चों समेत रात बिताने को मजबूर हैं। बारिश के मौसम में ये स्थिति और भी भयावह हो जाती है।
वन विभाग की कार्रवाई
वन विभाग के एसडीओ मनोज चंद्राकर ने बताया कि विभाग की टीम लगातार हाथी प्रभावित गांवों में मौजूद है और ग्रामीणों को सतर्क किया जा रहा है। फसल नुकसान के एवज में किसानों को मुआवजा भी दिया जा रहा है। इसके साथ ही हाथी मित्र दल भी स्थिति पर निगरानी रख रहा है।