
रायपुर: छत्तीसगढ़ में बहुचर्चित कोल लेवी घोटाले की जांच लगातार आगे बढ़ रही है। इसी कड़ी में आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) ने सोमवार, 8 अक्टूबर 2025 को इस घोटाले में शामिल दो और आरोपियों – देवेंद्र डड़सेना और नवनीत तिवारी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए रायपुर स्थित विशेष भ्रष्टाचार निवारण अदालत में करीब 1500 पन्नों का चार्जशीट दाखिल किया है।
दोनों आरोपी फिलहाल रायपुर के केंद्रीय जेल में बंद हैं। इससे पहले जुलाई 2024 में इस घोटाले में कुल 15 आरोपियों पर पहला चालान पेश किया गया था, जबकि अक्टूबर 2024 में दो अन्य के खिलाफ पूरक चालान दाखिल किया गया था।
कौन है देवेंद्र डड़सेना?
देवेंद्र डड़सेना, कांग्रेस के कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल का निजी सहायक रहा है। जांच में सामने आया है कि वह अवैध कोल लेवी से मिली भारी रकम को इकट्ठा करने, उसे छुपाने और आगे पहुंचाने में मध्यस्थ की भूमिका निभा रहा था।
कांग्रेस भवन में ‘भवन’ के नाम से दर्ज लेन-देन की एंट्री इसी के जरिये की जाती थी। देवेंद्र की भूमिका कोल लेवी रैकेट में एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में देखी जा रही है, जो न सिर्फ रकम लेता था, बल्कि उसे अन्य आरोपियों तक पहुंचाता भी था।
नवनीत तिवारी की भूमिका
नवनीत तिवारी इस सिंडिकेट का एक सक्रिय सदस्य था। जांच के अनुसार वह रायगढ़ जिले में कोयला व्यापारियों और ट्रांसपोर्टरों से डर-धमकाकर वसूली करता था। यह अवैध वसूली की गई रकम वह नियमित रूप से रायपुर पहुंचाता था।
इतना ही नहीं, नवनीत ने रैकेट के मुखिया सूर्यकांत तिवारी की अवैध कमाई से खरीदी गई संपत्तियों को अपने नाम पर लेकर बेनामीदार की भूमिका भी निभाई।