छत्तीसगढ़ में 2 नवंबर को तुलसी विवाह: योग निद्रा से जागेंगे भगवान विष्णु, शुभ कार्यों की होगी शुरुआत

रायपुर। कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की देवउठनी एकादशी इस वर्ष 2 नवंबर 2025 को मनाई जाएगी। पंडितों के अनुसार, एकादशी तिथि 1 नवंबर की सुबह 9:11 बजे से शुरू होकर 2 नवंबर की सुबह 7:31 बजे तक रहेगी। चूंकि सूर्योदय के समय एकादशी तिथि 2 नवंबर को रहेगी, इसलिए व्रत, पूजा और तुलसी विवाह इसी दिन होंगे।
तुलसी विवाह और भगवान विष्णु जागरण का पर्व
धार्मिक मान्यता के अनुसार, देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु योग निद्रा से जागते हैं और इसी के साथ सभी मांगलिक कार्यों की शुरुआत होती है। 1 नवंबर को दशमी तिथि के कारण व्रत नहीं रखा जाएगा। 2 नवंबर को सूर्योदय के समय एकादशी होने से यह दिन व्रत, पूजा और तुलसी विवाह के लिए सर्वश्रेष्ठ रहेगा। इस दिन व्रत रखने से पापों का नाश और जीवन में सुख-समृद्धि का वास होता है।
5 नवंबर को देव दीपावली, गंगा आरती का रहेगा विशेष मुहूर्त
देवउठनी के बाद देव दीपावली का पर्व 5 नवंबर को मनाया जाएगा। कार्तिक पूर्णिमा तिथि 4 नवंबर की रात 10:36 बजे से शुरू होकर 5 नवंबर की शाम 6:48 बजे तक रहेगी। उदया तिथि के अनुसार, देव दीपावली 5 नवंबर को मनाई जाएगी। इस दिन का शुभ दीपदान मुहूर्त शाम 5:15 से 7:50 बजे तक रहेगा। साथ ही सुबह 8:44 बजे तक भद्रावास योग भी बनेगा, जो इस दिन को विशेष बनाता है।
धार्मिक महत्व
देवउठनी एकादशी को देवों का जागरण दिवस कहा जाता है, जिसके बाद विवाह, गृहप्रवेश और अन्य मांगलिक कार्यों की शुरुआत होती है। वहीं देव दीपावली को देवताओं की दीपावली कहा जाता है, जब गंगा घाटों और मंदिरों में दीप प्रज्वलित किए जाते हैं। इन दोनों पर्वों का संबंध पवित्रता, श्रद्धा और देवत्व के जागरण से जुड़ा है।



