गोपाष्टमी पर गौवंश की हुई पूजा, पूजा सिर्फ फोटो तक सीमित नहीं, पूरे साल सेवा जरूरी : पार्षद अरुणीश तिवारी
गाय पालना स्वास्थ्य और धार्मिक दृष्टिकोण से लाभकारी

@सुशील तिवारी
शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर मनाए जाने वाले गोपाष्टमी पर्व पर बुधवार को गौवंश की पूजा-अर्चना कर उनके संरक्षण का संदेश दिया गया। नगर पालिका के वरिष्ठ पार्षद एवं समाजसेवी अरुणीश तिवारी ने अपनी धर्मपत्नी श्रीमती संगीता तिवारीके साथ झाबर स्थित गौशाला पहुंचे, जहां उन्होंने विधि-विधान से गौमाता की पूजा की और आरती उतारी।

पार्षद श्री तिवारी ने कहा कि आज के समय में लोग सिर्फ पूजा कर फोटो खिंचवाकर आगे बढ़ जाते हैं, लेकिन असल सेवा वर्षभर होती है। उन्होंने कहा कि कुत्ते के बजाय गौ माता को पालें , गौवंश हमारी जीवनशैली से सीधे जुड़ा है। गाय से मिलने वाला दूध, दही, घी के अलावा गोबर और गोमूत्र खेती और जीवन दोनों के लिए वरदान है। यह न सिर्फ स्वास्थ्य को लाभ देता है, बल्कि शुद्ध पर्यावरण और जैविक खेती के लिए भी जरूरी है।
उन्होंने कहा हिंदू सनातन धर्म में गौवंश का प्रमुख स्थान है, जिसमें 33 करोड़ देवी देवताओं का वास होता है। सिर्फ एक दिन की पूजा नहीं, बल्कि वर्षभर उनकी सेवा करने से ही पुण्य और लाभ मिलता है। को पूजा को धर्म से ना जोड़कर व्यक्तिगत लाभ से जोड़कर भी पालन पोषण कर सकते हैं, यह सभी धर्म के लिए उपयोगी है ।
इस दौरान श्री तिवारी ने मंदिर प्रांगण में मौजूद सभी गायों का तिलक कर पूजा किया, आरती उतारी और उन्हें घर में बने पकवान एवं फल खिलाकर आशीर्वाद लिया।
 

 



