धान खरीदी से पहले प्रशासन की मुश्किलें बढ़ीं: सोसाइटी कर्मियों की हड़ताल जारी, तैयारियां ठप

छत्तीसगढ़ में सहकारी सोसाइटियों के प्रबंधक, खरीदी प्रभारी और ऑपरेटरों की हड़ताल बुधवार को आठवें दिन भी जारी रही। यह हड़ताल ऐसे समय में हो रही है जब 15 नवंबर से धान खरीदी शुरू की जानी है। हड़ताल के चलते अब तक धान खरीदी सॉफ्टवेयर का ट्रायल रन नहीं हो सका है और किसानों को टोकन वितरण की प्रक्रिया भी पूरी तरह से रुक गई है।
हड़ताल से सरकार की तैयारियों पर पड़ा असर
राज्य सरकार ने धान खरीदी की तैयारियों के लिए महीनों पहले से योजना बनाई थी, लेकिन अब 15 हजार से अधिक सोसाइटी कर्मियों की हड़ताल ने पूरी प्रक्रिया को प्रभावित कर दिया है। जिन कर्मचारियों को खरीदी केंद्रों में काम करना था, वे अपनी मांगों के समर्थन में आंदोलन पर अड़े हुए हैं और सरकार से वार्ता भी अब तक बेनतीजा रही है।
अब दूसरे विभागों के कर्मचारी संभालेंगे खरीदी की जिम्मेदारी
खाद्य विभाग ने सभी जिला कलेक्टरों को आदेश जारी किया है कि हड़ताल के कारण खरीदी प्रभावित न हो, इसके लिए राजस्व, सहकारिता, कृषि और अन्य विभागों के अधिकारियों-कर्मचारियों को वैकल्पिक रूप से सोसाइटी प्रबंधक का प्रभार दिया जाए। आदेश में यह भी कहा गया है कि खरीदी कार्य में कोई रुकावट न आए, इसके लिए सभी व्यवस्थाएं तुरंत सुनिश्चित की जाएं।
सॉफ्टवेयर ट्रायल और टोकन वितरण ठप
धान खरीदी के लिए तैयार किया गया ऑनलाइन सॉफ्टवेयर अब तक टेस्ट नहीं हो सका है। सरकार की योजना थी कि 9 नवंबर से किसानों को धान बेचने के लिए टोकन जारी कर दिए जाएंगे, लेकिन कर्मचारियों की अनुपस्थिति के कारण यह संभव नहीं हो पाया। कुछ जिलों में सहकारिता उप पंजीयक और बैंक अधिकारियों को ट्रायल रन कराने की जिम्मेदारी दी गई है।
प्राधिकृत अधिकारियों को सौंपी गई जिम्मेदारी
सरकार ने आदेश जारी कर हर सोसाइटी के प्राधिकृत अधिकारियों को संचालन की पूरी जिम्मेदारी सौंप दी है। उन्हें धान खरीदी, रिकॉर्ड, भुगतान प्रक्रिया और संचालन की निगरानी करने के अधिकार दिए गए हैं।
कृषि विभाग ने अपने अमले की ड्यूटी से किया इंकार
इस बीच कृषि विभाग ने भी साफ कहा है कि उसके अधिकारी धान खरीदी में नहीं लगाए जाएंगे। विभाग ने सभी कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि कृषि विस्तार अधिकारी वर्तमान में रबी वर्ष 2025-26 की फसल तैयारी में व्यस्त हैं, इसलिए उन्हें खरीदी कार्य में शामिल न किया जाए। केवल निरीक्षण के लिए सीमित रूप से ही उनकी सेवाएं ली जा सकती हैं।
हड़ताल से खरीदी की प्रक्रिया पर गहराया संकट
लगातार आठ दिन से जारी यह हड़ताल अब राज्य सरकार के लिए बड़ा प्रशासनिक संकट बन गई है। जहां एक ओर किसानों को टोकन मिलने में देरी हो रही है, वहीं दूसरी ओर सरकार पर खरीदी समय पर शुरू करने का दबाव बढ़ गया है।



